UP के कमिश्नरी सिस्टम को एक साल पूरा, नोएडा कमिश्नर कार्यालय पर बांटे गए कंबल
13 जनवरी 2020 को उत्तर प्रदेश में पुलिस व्यवस्था में बदलाव के लिए एक सिस्टम की शुरुआत की हुई थी. यह सिस्टम 2 शहरों लखनऊ और नोएड़ा में लागू हुआ था.
नोएडाः उत्तर प्रदेश में बीते साल 13 जनवरी 2020 को पुलिस व्यवस्था में बदलाव किया गया था, जिसमें नोएडा को शामिल किया गया था. अब नोएडा के कमिश्नरी सिस्टम ने एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य पर नोएडा कमिश्नर कार्यालय पर जरूरतमंदों को कंबल और मिठाई वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया. इसके साथ ही पुलिस कमिश्नर की ओर से नोएडा के सभी थानों में जनसंवाद कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया.
दरअसल 13 जनवरी 2020 को प्रदेश में पुलिस व्यवस्था में बदलाव के लिए एक सिस्टम की शुरुआत की हुई थी. यह सिस्टम 2 शहरों लखनऊ और नोएड़ा में लागू हुआ था. अब इस लखनऊ और नोएड़ा कमिश्नर सिस्टम ने एक साल पूरा कर लिया है. इस दौरान शहर के अंदर संगठित अपराधियों पर रोक लगाने के लिए पुलिस की ओर से तमाम कार्यवाही की गई. मुख्य आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने के मामले में नोएडा कमिश्नर का कार्य बहुत ही सराहनीय रहा.
नारी शक्ति के लिए चलाए गए अभियान
इसके साथ ही कमिश्नर कार्यालय की ओर से समय-समय पर शहर वासियों की सुरक्षा के साथ-साथ शहर वासियों को जागरूक करने के लिए अनेकों कार्यक्रम भी चलाए गए. इन कार्यक्रम में मुख्य रूप से महिला चौपाल, नारी शक्ति अभियान आयोजित किए गए. जिसमें महिला चौपाल से शहर के साथ- साथ देहात इलाकों में भी काफी असर पड़ा.
पिछले एक साल में कमिश्नर सिस्टम के कारण शहर को स्मार्ट मीटिंग की व्यवस्था दी गई. इसके साथ ही इस दौरान चैन स्नेचिंग और अन्य अपराधों में भी कमी देखी जा रही है. साइबर अपराध की बात करें तो कमिश्नर की ओर से सभी प्रकार के अपराधों पर लगाम लगाने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं, पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने बताया कि नोएडा को सुरक्षित करने के लिए पुलिस विभाग प्रतिबद्ध है.
महिला चौपाल से शहर के साथ-साथ देहात में बड़ा बदलाव
डीसीपी वृंदा शुक्ला की ओर से महिला चौपाल अभियान की शुरुआत की गई थी. इस अभियान के अंतर्गत महिला चौपाल, देहात क्षेत्र या गांव से ताल्लुकात रखने वाली महिलाओं की आवाज बनकर सामने आ रही है. अक्सर देहात में महिला पर हो रहे अत्यचारों, शोषण या दहेज के लिए हत्या आम बात है. देहात में इस तरह की वारदात होती रहती है और उनको देहात में बड़ी आसानी से छुपा भी लिया जाता है.
फिलहाल महिला चौपाल के आने के बाद से यह कहा जा सकता है कि यह महिला की सुरक्षा के लिए वो पहल है जो कि सोशल मीडिया से बाहर निकल कर जमीनी स्तर पर लागू की गयी है. अब महिला चौपाल से देहात क्षेत्र में पुलिस की टीमें बनाई गई हैं. इन टीम का काम गांव में जाकर महिलाओं से बात करना है और अब गांव में ही चौपाल लगने लगी है. इस चौपाल से यह तो नहीं कहा जा सकता है कि महिला पर हो रहे शोषण, अत्याचार खत्म हो सकेंगे लेकिन इतना जरूर है कि गांव की महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह भी अपने ऊपर हो रहे अत्यचारों के बारे में खुलकर बता सकेंगी.
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