Block Pramukh Nomination: यूपी के कई जिलों में ब्लॉक प्रमुख पद के नामांकन के दौरान हंगामा हुआ है. कई जगहों पर दो गुटों के बीच हाथापाई भी हुई है. गोरखपुर में नामांकन के दौरान जमकर बवाल हुआ. शाहपुर इलाके के चरगावां ब्लॉक पर नामाकंन करने पहुंची बीजेपी प्रत्याशी वंदना सिंह और उनके समर्थकों पर पहले से मौजूद भीड़ ने हमला बोल दिया. भीड़ ने प्रत्याशी समर्थकों के साथ मारपीट की. करीब आधा दर्जन लग्जरी गाड़ियों को भी तोड़ दिया. पुलिस ने लाठी चार्ज कर भीड़ को खदेड़ा.


आरोप है कि ये समाजवादी पार्टी के लोग थे जिन्होंने उनपर हमला किया. इसमें प्रत्याशी पति वंदना सिंह के पति रणविजय सिंह सहित करीब आधा दर्जन लोग बुरी तरह घायल हो गए. सूचना पर पहुंची पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर बितर किया. इसके बाद पुलिस सुरक्षा में वंदना सिंह नामांकन करने ब्लॉक के अंदर गईं. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. सुरक्षा के लिहाज से भारी फोर्स और पीएसी तैनात की गई.


बुलंदशहर


वहीं, बुलंदशहर के सियाना में ब्लॉक प्रमुख पद के नामांकन के दौरान दो गुटों में हाथापाई हो गई. सियाना की सीओ ने बताया, "दो पक्ष एकसाथ नामांकन के लिए आए. उनके समर्थकों के बीच कहासुनी हो गई. मामले को शांत करवा दिया गया. दोनों पक्षों के बीच किसी मुद्दे को लेकर टकराव नहीं था."


बस्ती


बस्ती के गौर ब्लॉक में नामांकन के दौरान पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया. पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को पीटा. आरोप है कि पुलिस की कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है. यहां से बीजेपी के जटा शंकर शुक्ला चुनाव के मैदान में है. विरोध में महेश सिंह लड़ रहे हैं.






सीतापुर


सीतापुर में नामांकन के दौरान बीजेपी और निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थकों के बीच झड़प हो गई. इस झड़प में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. गाड़ियों पर ग्रेनड फेंके गए. इसको लेकर चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.






जौनपुर


इसके अलावा नामांकन के दौरान यूपी के जौनपुर में भी हिंसा की खबरें हैं. यहां पर दो उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच बुधवार की रात को झड़प हो गई. कई गाड़ियों की तोड़फोड़ हुई. पांच लोग इसमें घायल हुए हैं.


समाजवादी पार्टी का निशाना


समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार बीजेपी की कार्यकर्ता की तरह काम कर रही है. ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भी बीजेपी के गुंडों को प्रशासन सपोर्ट कर रहा है. इससे ज्यादा शर्म की बात किसी सरकार के लिए नहीं हो सकती कि यहां लोकतंत्र की हत्या हो रही है.



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