Varanasi blood smuggling: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में खून की तस्करी से जुड़ा मामला सामने आया है. एक तस्कर पकड़ा गया है और मामले के तार वाराणसी आईएमए से जुड़े तो प्रशासन सक्रिय हो गया है. ड्रग विभाग ने छापेमारी कर सीसीटीवी को खंगालना शुरू कर दिया है. उधर, आईएमए ब्लड बैंक को बंद कर जांच पूरी होने के बाद खोलने की बात कही जा रही है.


एक तस्कर गिरफ्तार 
पूर्वांचल में खून के सौदागर सक्रिय हैं और इस काले कारोबार के तार वाराणसी आईएमए से जुड़ते हुए नजर आ रहे हैं. ये बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि चंदौली जिले के बबुरी मोड़ पर चेकिंग के दौरान पकड़े गए तस्करों से पुलिस ने ये जानकारी हासिल की है. बताया जा रहा है कि तस्करी का नेटवर्क गाजीपुर बिहार से सटे मोहनियां कैमूर तक फैला है. तस्कर 2000 में ब्लड खरीदते थे और 4000 तक में बेचते थे. मामले में एक तस्कर को गिरफ्तार कर लिया गया और अन्य की तलाश जारी है. 


जांच पूरी होने तक बंद रहेगा ब्लड बैंक
मामला खून की तस्करी से जुड़ा था लिहाजा विभागों ने कान खड़े कर लिए. आईएमए वाराणसी में ड्रग विभाग ने छापेमारी कर जांच की और मामला संदिग्ध पाया. इतना ही नहीं पकड़े गए तस्कर के पास से बरामद खून भी आईएमए का पाया गया. लिहाजा, अब कर्मचारी के शामिल होने के शक पर सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं. वहीं, आईएमए सचिव ने कहा है कि जब तक जांच पूरी नहीं होगी आईएमए ब्लड बैंक बंद रहेगा. 


खड़े हो रहे हैं कई सवाल 
इस तरह का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद पूरे पूर्वांचल को रक्त देने वाला आईएमए सवालों के घेरे में है. सवाल ये है कि खून से जुड़े कारोबार का गुनहगार कौन है. आखिर किसकी शह पर चल रहा था तस्करी का कारोबार और अधिकारियों को अब तक इस काले कारोबार की भनक क्यों नहीं लगी. 


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