लखनऊ: बाइक टैक्सी के नाम पर 4200 करोड़ रुपए का घोटाला करने के मामले में एसटीएफ ने 50 हज़ार रुपये के इनामी बीएन तिवारी उर्फ बद्री नारायण तिवारी को गिरफ्तार कर लिया. बीएन तिवारी बाइक बोट स्कीम लॉन्च करने वाली कंपनी गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड को बैटरी वाली बाइक मुहैया कराता था. बीएन तिवारी की लखनऊ में मार्स ग्रुप के नाम से कई कंपनियां हैं और वह एक न्यूज़ चैनल का मालिक भी है. इस घोटाले की जांच आर्थिक अपराध शाखा और प्रवर्तन निदेशालय भी कर रही है. घोटाले में गर्वित इनोवेटिव कंपनी के निदेशक व बसपा नेता संजय भाटी समेत 22 आरोपी जेल में बंद हैं. एक आरोपी एफ 7 ब्रॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पूर्व निदेशक मनोज त्यागी को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था.


बीएन तिवारी गोमतीनगर स्थित बंगले में रह रहा था


बीएन तिवारी लखनऊ के आलमनगर स्थित अशोकनगर का रहने वाला है और वर्तमान में गोमतीनगर स्थित बंगले में रह रहा था. उसे गुरुवार सुबह गोमतीनगर के मनोज पांडे चौराहा से पकड़ा गया. एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि बाइक बोट स्कीम नोएडा की कम्पनी गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के मालिक विजेंद्र सिंह हुड्डा और निदेशक संजय भाटी ने 2018 में लांच की थी. कंपनी संचालक आम जनता को बाइक बोट स्कीम से जोड़कर रुपया निवेश कराते थे. बीएन तिवारी की कंपनी बैटरी से चलने वाली बाइक बनाती थी जिसे वह गर्वित इनोवेटिव कंपनी को सप्लाई करता था.


एडीजी ने बताया कि बाइक बोट के नाम पर ठगी की जांच ईओडब्ल्यू मेरठ और ईडी कर रही है. शुरुआती जांच में पता चला कि गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी विजेंद्र सिंह हुड्डा और बसपा नेता संजय भाटी समेत 19 लोगों ने रजिस्टर्ड कराई थी. कंपनी ने बाइक बोट स्कीम लॉन्च कर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, बिहार समेत कई राज्यों में हजारों फ्रेंचाइजी बनाईं. अपने एजेंट्स के जरिए कंपनी ने लोगों से रुपया निवेश कराना शुरू किया. मात्र एक साल में ही 4200 करोड़ रुपए इकट्ठा करके ठगों ने कंपनी बंद कर दी और गायब हो गए. इसके बाद कंपनी संचालकों के खिलाफ कई राज्यों में एफआईआर दर्ज होनी शुरू हुईं.


संजय भाटी समेत 22 आरोपी जेल में बंद है


इस मामले में संजय भाटी समेत 22 आरोपी जेल में बंद है जबकि विजेंद्र सिंह हुड्डा विदेश भाग गया है. उस पर इनाम घोषित कराने के साथ ही उसके प्रत्यर्पण का प्रयास किया जा रहा है. बीएन तिवारी भी अंडरग्राउंड था. उस पर और संजय भाटी की मेरठ निवासी पत्नी दीप्ति बहल बुलंदशहर के लोकेंद्र और भूदेव पर 50-50 हज़ार रुपये का इनाम घोषित किया गया था. फिलहाल, एसटीएफ के डिप्टी एसपी अवनीश्वर चन्द्र श्रीवास्तव की टीम ने बीएन तिवारी को दबोच लिया है जबकि बाकी की तलाश की जा रही है. ईडी ने एक फरवरी को बीएन तिवारी के गोमतीनगर स्थित बंगले की कुर्की की कार्रवाई भी की थी.


गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी के संचालक बाइक को टैक्सी के रूप में चलाने का लालच देकर लोगों से रुपया निवेश कराते थे. कंपनी ने जो स्कीम बनाई उसके तहत एक व्यक्ति से बाइक के खरीदने के नाम पर 62100 रुपये लिए जाते थे. इस रकम के बदले निवेशक को एक साल तक हर महीने 9800 रुपये देने का वादा किया जाता था. एक साल में लगभग दोगुने मुनाफे का लालच देकर लोगों को जाल में फंसाया जाता था. अगर एक व्यक्ति तीन बाइक के लिए रुपया निवेश करता था तो कम्पनी उसे एक्स्ट्रा बोनस का झांसा देती थी. कंपनी की इस योजना में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. किसी ने 5 बाइक तो किसी ने 10 बाइक तो किसी ने 20 से 30 बाइक में रकम निवेश की. कंपनी ने शुरुआत में तीन-चार महीने तक लोगों को निवेश की गई रकम पर प्रॉफिट भी दिया. प्रॉफिट मिलने से लोग उत्साहित होकर और ज्यादा रकम निवेश करने लगे. इसके बाद जब कंपनी ने 4200 करोड़ रुपया जमा कर लिया तो संचालक ऑफिस बंद करके भाग गए.


कई बड़े लोगों पर ईडी की नजरें


इस मामले में ईडी की नजरें साहा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रोमोटर अनिल कुमार, नोबल बैंक के संस्थापक विजय कुमार शर्मा, वेनिस मॉल के मालिक मोंटू भसीन समेत कई बड़े लोगों पर है. अनिल कुमार के ठिकानों पर ईडी छापे भी मार चुकी है.


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