ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के जिला कारागार के अंदर तैनात कर्मचारियों और बंदियों की सुरक्षा को मजबूत और बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है. खास तौर पर जेल के अंदर बैरक के पास तैनात रहने वाले कर्मचारियों को हमेशा खतरा बना रहता है. इन सभी के लिए अब बॉडी वार्न कैमरे की व्यवस्था की गई है. सीसीटीवी की तरह दिखने वाला यह कैमरा तैनात कर्मी की वर्दी पर फिक्स हो जाएगा. इसमें सारी गतिविधियां रिकॉर्ड होती रहेंगी. विवाद के वक्त कर्मचारी और कैदी में कौन गलत-सही है, अब कैमरा इसका फैसला करेगा. पहले चरण में गौतमबुद्ध नगर जिला जेल में ऐसे 5 कैमरे दिए गए हैं. जल्दी ही अन्य कर्मचारियों के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.


5 बॉडी वार्न कैमरे दिये गये


ग्रेटर नोएडा में लुकसर जिला कारागार अन्य जिलों के कारागारों से बिल्कुल अलग है. जिला कारागार में बंदियों को उनके गुनाह की सजा के तौर पर उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाता, बल्कि उनको नई जिंदगी जीने के तौर तरीके सिखाए जाते हैं. फिर भी अगर कोई बंदी पर नजर रखने वाले सिपाही से गलत आचरण करते हैं, तो दोनों पर नजर रखने के लिए अब जिला कारागार गौतमबुद्ध नगर को 5 बॉडी वार्न कैमरे दिए गए हैं. इन कैमरों की विशेषता यह है कि यह कैमरे आसानी से बॉडी में फिट हो जाता है, और इस कैमरे में वीडियो रिकॉर्ड होती है. जिससे सामने वाले और कैमरा लगाने वाले दोनों की हरकतों को रिकॉर्ड किया जा सकता है. जिला कारागार में पहला कैमरा एंट्री प्वाइंट पर दूसरा सुरक्षाकर्मी मेन गेट पर और बैरक में तैनात सुरक्षाकर्मी बॉडी वार्न कैमरा लगाकर मोमेंट करते हुए दिखाई देंगे. आने वाले समय में कैमरों की संख्या और बढ़ाई जा सकती है. इन्हें वाईफाई के माध्यम से ऑनलाइन भी कनेक्ट किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश की यह पहली ऐसी जेल होगी, जहां पर सुरक्षाकर्मियों को बॉडी वार्न कैमरे लगाए गए हैं.


बंदियों की शिकायत के बाद उठाया गया कदम


बॉडी वार्न कैमरे के माध्यम से लखनऊ में बैठे उच्चअधिकारी जिला गौतमबुद्ध नगर के कारागार में चारदीवारी में रह रहे बंदियों पर नजर रख सकते हैं. उनके आचरण को देख सकते हैं. इतना ही नहीं, प्रदेश की जेलों में बंदियों द्वारा आए दिन शिकायत मिलती थी, कि कारागारों में सिपाहियों और जेलर के द्वारा उनको प्रताड़ित किया जाता है. ऐसे आरोप आए दिन कारागार में कार्यरत कर्मचारियों पर लगाए जाते थे. इसको लेकर प्रदेश सरकार ने सबसे पहले गौतम बुद्ध नगर जिला कारागार को बॉडी वार्न कैमरे लगाने के आदेश दिए थे. जिसको गौतम बुद्ध नगर जेल अधीक्षक भीमसेन मुकुंद 5 बॉडी वार्न कैमरे अपने स्टाफ को लगवाए हैं. जिनसे वहां की गतिविधियां, आचरण के बारे में पारदर्शिता बनी रहे और सही जानकारी मिलती रहे. जेल अधीक्षक भीमसेन मुकुंद ने बताया कि इतना ही नहीं बंदियों द्वारा अंदर आपसी विवाद होने पर पहले किसकी गलती थी या अंदाजा लगाना मुश्किल होता था.


कैमरे में लगे हैं हाई डेफिनेशन लेंस


जेल अधीक्षक भीमसेन मुकुंद ने बताया कि, अब बॉडी वार्न कैमरे की सहायता से इस प्रकार की शिकायतों को आसानी से दूर किया जा सकता है. बॉडी वार्न कैमरे को सिपाही अपनी वर्दी में आगे लगाकर घूमता रहेगा. इस कैमरे की खास बात यह है कि, इसमें हाई डेफिनेशन के लेंस लगे हुए हैं. जिससे वीडियो रिकॉर्डिंग साफ और उसकी आवाज अच्छी तरीके से सुनाई देती है. इस कैमरे की वीडियो को बगैर किसी यूजर पासवर्ड के डिलीट नहीं किया जा सकता. इस कैमरे की बैटरी एक बार में चार्ज होने पर पूरे 12 घंटे तक चलती है. इतना ही नहीं, इस कैमरे में सिम लगा कर उसे वाईफाई से कनेक्ट कर कैमरे को इंटरनेट के माध्यम से यूजर आईडी और पासवर्ड के जरिए लखनऊ में कहीं भी अधिकारी अपने दफ्तर से ही बैठकर वाईफाई के माध्यम से वहां हो रही गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं.


ग्रेटर नोएडा में ऐसी पहली जेल


जेल अधीक्षक भीमसेन मुकुंद ने बताया कि, उत्तर प्रदेश में सबसे पहली ग्रेटर नोएडा की जेल में बॉडी वार्न कैमरे लगाए गए हैं. अभी शासन की तरफ से 5 कैमरे दिए गए हैं. पहला बॉडी वार्न कैमरा गेट पर, दूसरा एंट्री, तीसरा बैरक में सुरक्षाकर्मी पर लगा होगा. आने वाले समय में और भी कैमरे बढ़ाए जाएंगे. जेल प्रशासन और बंदियों के बीच पारदर्शिता बनी रहे इसको लेकर यह कदम प्रशासन ने उठाया है.


ये भी पढ़ें.


हाथरस छेड़छाड़ मामले में पीड़िता का बयान- 'आरोपी समाजवादी पार्टी का नेता है'