बॉलीवुड एक्टर अरशद वारसी ने कई शानदार फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से अपने करोड़ों चाहने वाले बनाए हैं। अरशद अपने हर किरदार को शिद्दत से निभाते हैं फिर चाहे वो 'मुन्ना भाई एम बी बी एस' का सर्किट का किरदार हो या 'गोलमाल' सीरीज के माधव का। अरशद ने हर भूमिका में खुद को साबित किया है शायद इसीलिए वो आज हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के वन ऑफ दि फाइनेस्ट एक्टर्स में से एक हैं। लेकिन यहां तक का सफर तय करना अरशद के लिए इतना आसान नहीं था। तो चलिए आज की इस स्टोरी में हम आपको अरशद वारसी के सट्रगल के बारे में बताएंगे।
मुंबई में पैदा हुए अरशद वारसी 14 साल की उम्र में ही अपने मां- बाप को खो चुके थे। मां-बाप की मृत्यु के बाद उनकी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव आए। खर्च उठाने के लिए उन्होंने 10वीं क्लॉस के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ दी और लग गए पैसा कमाने में, जिसके बाद बतौर सेल्स मैन अरशद ने एक कॉस्मेटिक कंपनी में काम करना शुरू किया। महज 17 साल की उम्र में उन्होंने घर-घर जाकर कॉस्मेटिक का सामान बेचना शुरू कर दिया। नौकरी करते-करते उनकी रुचि डांस की तरफ बढ़ने लगी।
अपने डांसिंग टैलेंट के चलते साल अरशद को अकबर समी के डांस ग्रुप में जगह मिल गई। फिर क्या था ये वो समय था जब अरशद वारसी को फिल्म ‘ठिकाना' और 'काश' के गानों को कोरियोग्राफ करने का मौका मिला। ये फिल्में साल 1987 में आईं थीं। इसके बाद अरशद ने बहुत से डांस शो में हिस्सा लिया और उन्हें जीता भी और प्रोफेशनल डांस कोरियोग्राफर बने। फिर जया बच्चन और अमिताभ बच्चन ने साल 1996 में उन्हें अपने प्रोडक्शन में बनने वाली फिल्म 'तेरे मेरे सपने' में काम करने का ऑफर दिया।दरअसल जया बच्चन ने ही इस फिल्म के लिए अरशद वारसी का नाम दिया था। फिल्म का गाना 'आंख मारे' सुपरहिट हुआ जिसमें अरशद के डांस की भी खूब तारीफ हुई। पहली ही फिल्म के बाद अरशद को लगातार एक के बाद एक फिल्मों के ऑफर मिलने लगे। जिसके बाद अरशद ने कभी पीछे मुडकर नहीं देखा और आज इंडस्ट्री में अपना अच्छा खासा नाम बना चुके हैं।