इन दिनों हर तरफ कोरोनावायरस का कहर बरस रहा है। ऐसे में हर कोई अपने-अपने घरों में बंद रहने के लिए मजबूर है और इसी के चलते एंटरटेनमेंट की दुनिया भी पूरी तरह से ठप्प पड़ी हुई हैं। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए 90 के दशक के दूरदर्शन चैनल के सुपरहिट सीरियल रामायण और महाभारत एक बार फिर टीवी पर दिखाए जा रहे हैं। 33 साल बाद एक बार फिर से रामायण के लिए दर्शकों का उत्साह देखकर हर किसी को हैरानी हो रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रामानंद सागर ने टीवी की रामायण बनाने से पहले एक फिल्म बनाने की कोशिश की थी जिसमें वो धर्म को दिखाना चाहते थे। लेकिन उन्हें अपने इस काम में सफलता नहीं मिल सकी।
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि रामानंद सागर ने 1978-79 में, भगवान श्रीकृष्ण पर फिल्म बनाने की तैयारी कर रहे थे। जिसका नाम रखा गया था योगेश्वर श्रीकृष्ण। फिल्म के लिए रामानंद सागर ने उस दौर के बड़े स्टार शशि कपूर को भगवान श्रीकृष्ण के रोल के लिए साइन किया। फिल्म का मुहूर्त मुंबई के नटराज स्टूडियो में काफी बड़े पैमाने पर किया गया। जिसमें शशि कपूर के बड़े भाई राजकपूर, राजश्री प्रोडक्शंस के सर्वेसर्वा ताराचंद बड़जात्या के साथ राजनीति के दिग्गज तत्कीन गृहमंत्री मोरारजी देसाई भी शामिल हुए थे। फिल्म के भव्य लॉन्च से ही समझ में आ सकता है कि ये फिल्म रामानंद सागर का कितना महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट था। इतना ही नहीं फिल्म के मुहूर्त पर शशि कपूर बिल्कुल भगवान श्रीकृष्ण के रूप में सजे मंच पर प्रकट हुए थे।
लेकिन आगे चलकर किसी वजह से ये फिल्म बन नहीं पाई और डिब्बे में बंद हो गई। शशि कपूर को भी हमेशा इस बात का मलाल रहा कि वो पर्दे पर श्रीकृष्ण का किरदार निभा नहीं सके। साथ ही आपको बता दें कि फिल्म योगेश्वर श्रीकृष्ण में शशि कपूर के साथ रामानंद सागर ने धर्मेंद्र, विनोद खन्ना, जीवन, अमजद खन और हेमा मालिनी जैसे सितारों से भी इस फिल्म के बाकी किरदारों के लिए बात कर ली थी। खैर शशि कपूर को भले ही रामानंद सागर श्री कृष्ण नहीं बना सके लेकिन साल 1887 में उन्होंने ऐसी रामायण बनाई कि हर कोई देखता ही रह गया। इस सीरियल ने सफलता की साऱी सीमाएं तोड़ दी थीं।