उन्होंने आगे कहा कि वह और उनके भाई कार्नेश शुरू से हमेशा दुनिया भर में हो रहे तमाम तरह के कार्यों से प्रेरित रहे हैं। अनुष्का ने बताया, "ओटीटी प्लेटफॉर्म आपको इस बात की अनुमति देता है कि आयरलैंड, टर्की, अमेरिका, इजरायल, यूनाइटेड किंगडम सहित दुनिया के तमाम हिस्सों में बनाई जा रही कहानियों से आप एक तरह का आईडिया ले सकें। इससे आप दुनिया भर के कहानीकारों के कार्यों को आसानी से देख पाते हैं और इनसे हम बेहद प्रेरित भी होते हैं और ऐसी ही किसी कहानी को बनाने की इच्छा हममें भी पैदा होती है, जिससे लोग भी आगे चलकर प्रेरणा ले सकते हैं।"
अनुष्का की प्रोडक्शन कंपनी इससे पहले 'एनएच10', 'फिल्लौरी' और 'परी' जैसी फिल्मों का निर्माण कर चुकी है। उनका कहना है कि उन्होंने डिजिटल की रोमांचक दुनिया में इसलिए कदम रखा क्योंकि यह फिल्मकारों को खुद को खुलकर बयां करने की इजाजत देती है।अनुष्का ने आगे बताया, "मैं ओटीटी प्लेटाफॉर्म को फिल्मकारों के लिए एक अवसर के तौर पर देखती हूं, जिसमें आप अनोखी कहानियों को शो के साथ एक लंबे प्रारूप में पेश कर सकते हैं, ऐसा आप फिल्म के साथ नहीं कर सकते हैं। कभी-कभी आप कहानी की हर एक बारीकि को दर्शकों के सामने प्रस्तुत करने की चाह रखते हैं, ऐसे में यह मंच आपको खुद को खुलकर बयां करने की अनुमति देता है और ऐसा इसकी प्रकृति और दर्शकों के चलते है।"
जिस तरह से डिजिटल क्षेत्र के लिए बेहतर कहानियों का निर्माण किया जा रहा है, ऐसे में क्या उन्हें लगता है कि आने वाले समय में यह सिनेमा की जगह ले लेगी? इस पर अभिनेत्री ने जवाब दिया, "मेरा मानना है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म हमारे समक्ष प्रस्तुत की गई एक बेहतरीन चीज है क्योंकि यह किसी कहानी को खुलकर बताने की अनुमति देती है। इसमें कहानी के विभिन्न पहलुओं पर बात की जा सकती है और साथ ही कई अन्य विषयों पर भी काम किया जा सकता है।"
हालांकि अनुष्का का यह भी मानना है कि सिनेमा भी आने वाले समय में अपनी जगह पर बनी रहेगी।वह कहती हैं, "बस इतना बदलाव आने वाला है कि एक फिल्मकार व निमार्ता के तौर पर अब हम यह सोचना शुरू कर देंगे कि कौन सी कहानी किस माध्यम के लिए उपयुक्त रहेगी, तो ऐसा हो सकता है कि ओटीटी के लिए अधिक उपयुक्त कहानियों का निर्माण हो, लेकिन यह सिनेमा की जगह नहीं ले सकेगी। मेरे ख्याल से ये दोनों ही एक साथ अस्तित्व में बने रहेंगे।"