बॉलीवुड एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर को लगता है कि प्राकृतिक आपदाएं जैसे कि खतरनाक चक्रवात अम्फान मानवता के लिए एक चेतावनी है कि हमने अपने ग्रह के साथ क्या किया है।


भूमि ने हाल ही में मीडिया से बात करते हुए कहा, "मैं पिछले दो दिनों से कोलकाता और ओडिशा के वीडियो देख रही हूं और यह दिल दहला देने वाला है। यह सच में बहुत डरावना है! यह इतने घंटे तक चला! मैंने चक्रवात के वीडियो के साथ ब्लॉग पोस्ट देखे हैं और यह बहुत ही हतोत्साहित करने वाला है, मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं, बड़े पेड़ उखड़ गए हैं, यह मानव जाति और जानवरों के लिए एक बड़ी क्षति है।" अभिनेत्री ने आगे कहा, "मेरे ख्याल से यह उचित वक्त है कि इंसान समझ जाए कि उन्होंने ग्रह के साथ क्या किया है। यदि आप पिछले पांच सालों में देखें, तो चक्रवातों की आवृत्ति, चक्रवाती हवाओं और आंधी की ताकत केवल बढ़ती ही जा रही है। हमारे शहर सूख रहे हैं, पृथ्वी तेज गति से गर्म हो रही है।"


भूमि एक 'क्लाइमेट वारियर' भी हैं जैसा कि उनके इंस्टाग्राम प्रोफाइल में भी बताया गया है। अभिनेत्री प्रकृति के संरक्षण के महत्व और जलवायु परिवर्तन के खतरों के बारे में प्रचार करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। भूमि ने कहा, "आज, पहले से ही दुनिया एक बड़े शरणार्थी संकट से गुजर रही है। अगले कुछ सालों में हम जलवायु परिवर्तन के कारण शरणार्थी हो जाएंगे। लाखों और लाखों लोग चाहे कितने भी अमीर या गरीब हों, विस्थापित हो जाएंगे। प्रकृति के प्रकोप के सामने, हम सभी एक हैं। मैं सच में मानवता जागने की उम्मीद करती हूं। ग्रह हमारा घर है और हमें पृथ्वी पर मौजूद हर एक प्रजाति के साथ मिलकर रहना सीखना होगा। इंसान इसमें अपना हार क्यों देखता है? हम अपने ग्रह को लाखों अन्य प्रजातियों के साथ साझा करते हैं, लेकिन हम महसूस करते हैं कि हक सिर्फ हमारा है और यह हास्यास्पद है!"


अभिनेत्री को लगता है कि जागरूकता फैलाना उनकी जिम्मेदारी है और वह जो भी कर सकती है करने के लिए तैयार हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह ऐसी फिल्में करना पसंद करेंगी जो प्रकृति को बचाने के बारे में संदेश देती हो, इस पर भूमि ने जवाब दिया, "बिल्कुल! मैं इस संदेश को फैलाने और बदलाव लाने के लिए जो भी कर सकती हूं वह करूंगी। यह एक ऐसी चीज है जिसके बारे में मैं बहुत भावुक हूं। यह ऐसी चीज है जिस पर मैं वास्तव में विश्वास करती हूं और यह मेरी रातों की नींद हराम कर देती है।"