काजोल ने अपने बॉलीवुड करियर में खुद को एक लाजवाब और बेहतरीन एक्ट्रेस साबित किया। काजोल नब्बे की दशक की बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक हैं। उन्होंने बॉलीवुड की कई बेहतरीन फिल्मों में अभिनय किया है। 90 के दशक में एक सुपरस्टार के रूप में उभरी भी साथ ही काजोल एक ऐसी अभिनेत्री हैं, जिन्होंने अपनी बेहतरीन एक्टिंग से फिल्मों को फिर से परिभाषित किया है। उन्होंने 1992 में बेखुदी से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की और इसके बाद बाद काजोल ने इंडस्ट्री में अपने लिए एक खास जगह बनाने में देर नहीं लगाई।



काजोल ने नेक्स्ट डोर कैरेक्टर से लेकर, अपनी कहानी में खलनायक ट्विस्ट तक और बड़े पर्दे पर कई भूमिकाओं को बखूबी निभाया है। काजोल को बहुत से अवार्ड से नवाजा भी गया है। जिनमे से छः फिल्मफेयर अवार्ड, 12 फिल्मफेयर नामनिर्देशन भी शामिल है। इसेक साथ ही उन्होंने बेस्ट एक्ट्रेस के पांच फिल्मफेयर अवार्ड भी जीते है, जो अपनेआप में ही एक बड़ा रिकॉर्ड है। ये ही नहीं 2011 में काजोल को भारत सरकार के द्वारा भारत के चौथे सर्वोच्च अवार्ड पद्म श्री से सम्मानित भी किया गया है।



जैसा कि हम सब जानते है। काजोल 45 साल की हो गई है, तो चालिए हम उनके एक लंबे करियर पर नज़र डालते हैं। जिसने हमें भूमिकाओ के साथ और अलग-अलग संवाद दिए हैं। जो आज भी हम उन्हे याद रखते है। चाहे वो नौटंकी वाली अंजलि हो या भोलेपन वाली सिमरन। हिंदी सिनेमा और लोगों के बीच उनके निभाए हुए किरदार दिलों में बसे रहेंगे। उनके करियर के कुछ खास किरदारो पर नजर डालते है।

बाज़ीगर की प्रिया



एक फिल्म जिसने शाहरुख खान और काजोल के करियर को बदल दिया। उस फिल्म का नाम था बाजीगर, जी हां पहली बार काजोल ने इस फिल्म के अभिनय से लोगों का मन मोह लिया था। अपनी बहन की अचानक मृत्यु के बाद सीधी साधी दिखने वाली मासूम काजोल जवान लड़की का किरदार निभाया था। इस फिल्म में काजोल अपनी बहन की मौत के कातिल को खोजने में लगी होती है। आपको बता दे, ये फिल्म बॉक्स ऑफ्सि पर काफी सुपर हिट साबित हुई थी।

दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे की सिमरन



आपको ये वर्णन करने की कोई जरुरत नहीं है कि यह किरदार हिंदी सिनेमा के लिए कितना बड़ा साबित हुआ था। फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे बॉलीवुड में अब तक की सबसे बड़ी रोमांटिक फिल्मों में से एक है और सिमरन के किरदार और उनकी बारीकियां आज भी याद की जाती है, जो उन्होंने सालों पहले की थी। दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे फिल्म को काफी साल हो गए है। इस फिल्म का एक सीन आज भी याद किया जाता है और कई फिल्मों में इस सीन को दोहराया गया है चाहे वो हिंदी सिनेमा में या फिर छोटे पर्दे के सीरियल में। उस सीन की हम बात कर तो वो सीन है “जा सिमरन जा, जी ले आपनी जिंदगी”।

गुप्त से ईशा



यदि आपने ये फिल्म नहीं देखी है, तो आपने काजोल का उस समय का सबसे नगेटिव रोल मिस कर दिया। वैसे काजोल को हम अच्छे किरदारो के लिए याद करते है। फिल्म गुप्त में काजोल ने नगेटिव रोल को निभाया था। काजोव ने अपनी पूरी लाइफ में पहली बार एक नकारात्मक भूमिका निभाई थी। काजोल ने गुप्त फिल्मी में जुनूनी और हत्यारे ईशा के चरित्र को दर्शाया था। फिल्म इस तरह से चलती है कि आप उसके किरदार को नापसंद करेगे, लेकिन वो एक फिल्म के किरदार की डिमांड थी। जो उन्होने पूरी की थी, लेकिन हम चाह कर भी उनसे नफरत नहीं कर सकते।

कुछ कुछ होता है की अंजलि



काजोल ने हर लड़की को अंजलि बनना चाहा। अगर भारत में हिंदी सिनेमा पारंपरिक है, तो हम शर्त लगा सकते हैं कि ज्यादातर लड़कियां अंजलि के रूप में अपने सफेद सूट और बांदनी दुपट्टे में दिखेगी। काजोल पहली छवी में अंजलि के किरदार में छोटे बाल वाली और नास्तिक के रुप में दिखाई दी थी। वही दूसरे पार्ट की बात करें तो स्त्री के रूप में दिखाई दी थी।

कभी खुशी कभी गम में फिर निभाया अंजलि का किरदार



फिल्म कभी खुशी कभी गम में काजोल को एक बड़ी चुलबुली लड़की के किरदार में देखा गया था। इस फिल्म में काजोल के किरदार का नाम अंजलि होता है, जो एक सिंपल फैमली से होती है। काजोल फिल्म में अपने अनोखे व्यवहार और बेहद मजेदार डायलॉग के लिए बहुत फैमस हुई थी, जैसे "बाडे माजाकी है, "राहुल चिल पिल"। काजोल के डायलॉग की एक लिस्ट है जो आज भी महिलाओं द्वारा उपयोग की जाती है।

फना में ज़ूनी



फिल्म फना में आमिर खान के साथ एक छोटे से ब्रेक के बाद काजोल ने सिल्वर स्क्रीन पर वापसी की। फना फिल्म में काजोल ने एक अंधी लड़की का किरदार निभाया था जिसे एक आतंकवादी से प्यार हो जाता है, लेकिन वो इससे वाकिफ नहीं होती। इस तरह के किरदार को निभाने के लिए काजोल को काफी मेहनत करनी पड़ी, लेकिन काजोल इतनी मनाना काफी मुशकिल था इस किरदार तो निभाने के लिए।

माइ नेम इज़ ख़ान की मंदिरा



ये फिल्म कई लोगों के दिलों में बहुत ही खास जगह बनाई हुई है। काजोल का किरदार मंदिरा की सहयोगी बहन का है जिसे रिजवान को राष्ट्रपति से मिलने की इच्छा पूरी करनी होगी। एक साधारण नाई से ऐसी मां के पास जाना जिसने अपना बच्चा खो दिया हो और न्याय चाहती हो, फिल्म में काजोल का चरित्र चाप गहरा और मजबूत है। मंदिरा को अब तक की उनकी सबसे कठिन हिट भूमिकाएं निभानी हैं।