बॉलीवु़ड इंडस्ट्री की मशहूर एक्ट्रेस तबु आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। उन्होंने अपने टेलेंट के दम पर फिल्म इंडस्ट्री में अपना मुकाम बनाया है। हालांकि उनकी बड़ी बहन फराह जो फिल्मों में एक सफल अभिनेत्री रही हैं।लेकिन फिल्मों में काम करना तो जैसे तबु की किस्मत में ही था और इंडस्ट्री का जो एक बड़ा दिग्गज उनकी बड़ी बहन फराह को डेब्यू फिल्म देने वाला था, उसने उनकी जगह तब्बू को लेकर फिल्म बनाई। यह दिग्गज और कोई नहीं बल्कि सदाबहार हीरो देवानंद थे। जो नन्हीं तब्बू को देखने के बाद उन्हें भुला नहीं पाए और तीन दिन में ही उन्हें ध्यान में रखते हुए एक फिल्म की स्क्रिप्ट लिख डाली।



दरअसल हुआ यूं कि देवानंद को अपनी एक फिल्म के लिए नई हीरोइन की तलाश थी। इंडस्ट्री में यह बात सब जानते थे। उन दिनों फराह नाज और तबस्सुम यानि तबु के माता-पिता हैदराबाद में रहते थे। तबु एक मध्यमवर्गी परिवार से थीं। जिसे देवानंद के एक परिचित जानते थे। उन्होंने फराह के माता-पिता से कहा कि देवानंद को नई हीरोइन चाहिए, वो चाहें तो उनकी बेटी के लिए बात की जा सकती है। देवानंद ने उस व्यक्ति के जरिए से नाज परिवार को अपना मेहमान बना कर बॉम्बे (Mumbai) बुला लिया। इतना ही नहीं देव साहब ने उनके आने-जाने, ठहरने के और बाकी खर्च भी खुद उठाए।



फराह से मिलने के बाद देवानंद खुश हुए और उनकी मां से कहा कि फराह को अपनी अगली फिल्म में हीरोइन के रूप में लॉन्च कर रहे हैं। पूरे परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं था। लेकिन इसी दौरान देवानंद के दोस्त यश चोपड़ा भी अपनी नई फिल्म फासले के लिए हीरोइन ढूंढ रहे थे, जिसमें वह बेहतरीन गायक महेंद्र कपूर के बेटे रोहन कपूर को लॉन्च करने वाले थे। यश चोपड़ा को जब देवानंद की नई खोज का पता चला तो उन्होंने इस सदाबहार हीरो से कहा कि फराह को फासले में रोहन के साथ लॉन्च करने दें। दरियादिल देवानंद, यश चोपड़ा की बात मान गए।



लेकिन इन सबके बीच इस पूरे घटनाक्रम में देवानंद फराह की छोटी बहन तबस्सुम नाज उर्फ तब्बू को नहीं भूले। तब्बू को लेकर उनके दिमाग में एक फिल्म का आइडिया आया। देवानंद फिल्में लिखने के लिए महाबलेश्वर के एक होटल में जाया करते थे। वो तुरंत वहां पहुंचे और तीन दिन में ही अपनी फिल्म हम नौजवान का पहला ड्राफ्ट लिख डाला। उन्होंने तब्बू के माता-पिता से कहा कि उनके पास एक बोल्ड विषय है, जिसमें तब्बू को कुछ बोल्ड दृश्य करने होंगे। फिल्म की कहानी किशोरवय लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसका तीन रसूखदार परिवारों के नौजवान रेप करते हैं। देवानंद मामले की जांच करने वाले अफसर हैं, जो लड़की को न्याय दिलाते हैं। तब्बू के माता-पिता देवानंद को ना नहीं कह सके। देवानंद ने तब्बू को लेकर गुपचुक तरीके से महीने भर में शूटिंग कर डाली। हालांकि हम नौजवान निर्देशक देवानंद की फ्लॉप फिल्मों की एक और कड़ी साबित हुई और इसके बाद तब्बू पढ़ाई-लिखाई में जुट गईं। फिर कई साल बाद निर्माता बोनी कपूर की फिल्म प्रेम में तबु संजय कपूर के साथ नजर आईं। वैसे यह प्रेम छह महीने में बननी थी परंतु तमाम गलत वजहों से चार साल में पूरी हुई। जिसका खामियाजा तब्बू को उठाना पड़ा क्योंकि उन्होंने निर्माता के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे कि जब तक प्रेम पूरी होकर रिलीज नहीं हो जाती, वह कोई और फिल्म साइन नहीं करेंगी।