फिल्म 'Panipat' के डायरेक्टर Ashutosh Gowariker को मिल रही है जान से मारने की धमकी, सुरक्षा में तैनात 200 पुलिसकर्मी
बॉलीवुड में जब भी कोई पीरियड फिल्म बनती है कोई ना कोई हंगामा जरूर होता है। अब ऐसा ही फिल्म 'Panipat' के डायरेक्टर Ashutosh Gowariker के साथ हो रहा है जिन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं
अभी हाल ही में अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor) और कृति सेनन (Kriti Sanon) स्टारर फिल्म 'पानीपत' (Panipat) का ट्रेलर रिलीज किया गया है जिसे दर्शकों से काफी अच्छा रिस्पॉस भी मिल रहा है। लेकिन ट्रेलर के बाद से ही फिल्म के डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर (Ashutosh Gowariker) को लगातार धमकियां मिल रही थीं। खबरों की माने तो अब हालात ऐसे हो गए थे कि आशुतोष की सुरक्षा के लिए 200 पुलिसकर्मी लगाए गए हैं।
ये तो बॉलीवुड का इतिहास रहा है कि जब भी पीरियड फिल्में बनती हैं तो कोई न कोई बवाल जरूर खड़ा होता है। जब पिछले साल संजय लीला भंसाली (SLB) की फिल्म 'पद्मावत' (Padmawat)रिलीज होने वाली थी तब भी करणी सेना ने काफी हंगामा किया था। इतना ही नहीं अजय देवगन (Ajay Devgn) की आने वाली फिल्म 'तानाजी' (Tanhaji: The Unsung Warrior) के खिलाफ भी फिल्म मेकर्स को आंदोलन की धमकी मिल रही है। इन हांलातों में आशुतोष गोवारिकर को जब धमकी मिली तब उन्होंने तुरंत पुलिस सुरक्षा ले ली। अब इस पूरे मामले पर आशुतोष ने खुद सामने आकर बात की है।
यह भी पढ़ेंः
क्या आप जानते हैं Shahrukh Khan से पहले इस सुपरस्टार को ऑफर हुआ था 'Darr' में राहुल मेहरा का किरदारदरअसल जब से 'पानीपत' का ट्रेलर रिलीज हुआ है तभी से अलग-अलग संगठनों से फिल्म के मेकर्स को धमकियां मिल रही थीं। इन संगठनों ने डायरेक्टर पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने ऐतिहासिक पात्रों और घटनाओं को ठीक तरह से पेश नहीं किया है। इसके अलावा उन्होंने फिल्म के कुछ सीन पर भी कड़ी आपत्ती जताई है। खबरों की माने तो डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर ने मामले की गंभीरता को समझते हुए अपने लिए पुलिस सुरक्षा में 200 पुलिसकर्मी तैनात किए हैं।
यह भी पढ़ेंः
Ranu Mondal के अलावा बॉलीवुड की ये टॉप एक्ट्रेस भी हो चकी हैं बुरे मेकअप की वजह से ट्रोलअपने एक इंटरव्यू में आशुतोष ने कहा कि 'जब भी बॉलीवुड में हम इतिहास पर आधारित कोई भी फिल्म बनाते हैं, तब स्क्रिपट में इतिहास का कौन सा हिस्सा दिखाया जाएगा और कौन सा नहीं इस पर सवाल उठना स्वाभाविक है। यूं तो इतिहास की किताब में कई पहलू होते हैं लेकिन 3 घंटे की फिल्म में सब कुछ दिखाना संभव नहीं होता। ऐसे में उन परिवारों से जुड़े लोगों को लगता है कि फिल्म में उनके परिवार को ठीक तरीके से क्रेडिट नहीं मिल रहा है'।