बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान अपनी कड़ी मेहनत और लगन की वजह से आज फिल्म इंडस्ट्री के किंग कहलाते हैं। आज बादशाह खान जिस मुकाम पर हैं वहां तक पहुंचने की चाह हर एक्टर रखता है लेकिन वहां तक पहुंचना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं होता, लेकिन शाहरुख को ये शोहरत विरासत में नहीं मिली, उन्होंने दिन रात की परवाह किए बिना इस इंडस्ट्री में जी तोड़ मेहनत की है। इसी के चलते आज की इस कहानी में हम आपको शाहरुख की नाक से जुड़ा एक किस्सा बताने जा रहे हैं।



दरअसल ये तब की बात है जब शाहरुख खान के पिता साल 1974 तक एनएसडी यानि नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में मेस चलाते थे तब शाहरुख का अपने पिता के साथ वहां आना-जाना लगा रहता था। उस वक्त वहां रोहिणी हटंगड़ी, सुरेखा सिकरी, रघुवीर यादव, राज बब्बर जैसे कलाकारों को शाहरुख एक्टिंग करते हुए देखते थे और वहीं से सिनेमा और नाटक की तरफ शाहरुख का जुड़ाव होने लगा। सिनेमा की तरफ उनका प्यार उन्हें मुंबई ले आया। फिर साल 1991 में शाहरुख हेमा मालिनी के होम प्रोडक्शन की फिल्म 'दिल आशना है' में नजर आए, पर उन्हें पहचान मिली 1992 को रिलीज हुई फिल्म 'दीवाना' से। हाल ही में शाहरुख खान ने बॉलीवुड में अपने 25 साल पूरे किए तो इस मौके पर समर खान ने अपनी किताब 'SRK-25 इयर्स ऑफ लाइफ' लॉन्च की।



इस लॉन्च पर शाहरुख खान भी मौदूज थे जहां उन्होंने एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि-'जब मैं हेमा मालिनी जी की फिल्म 'दिल आशना है' में काम कर रहा था कि ये फिल्म तुम्हें तुम्हारी नाक की वजह से मिल रही है। क्योंकि तुम्हारी नाक बाकी सबसे अलग है। उनकी बात सुनकर मैं काफी हैरान हुआ क्योंकि मैं अपनी नाक को सबसे छुपाता था वही नाम हेमा जी को पसंद आ गई, इसके अलावा शाहरुख ने ये भी बताया कि-'ऐसे लोग कम ही होते हैं जिनको ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी जी से कॉम्पलीमेंट मिलते हैं। मैं उनमें से एक हूं।'



इसके बाद किंग खान ने अपने फिल्मी करियर को जीत का जूनून बताया और कहा कि-  '25 साल पहले जब मैं फिल्म इंडस्ट्री में आया था तो मैं भी किसी आम लड़के की ही तरह था, जिसके दिल में जुनून और आंखो में सपने थे और मेरे इसी जूनून ने मुझे आज इस मुकाम तक पहुंचा दिया। अपने जीवन के उतार-चढ़ाव से मैंने बहुत कुछ सीख लिया कि अब सफलता और असफलता दोनों को बड़े आराम से मैनेज कर सकता हूं।'