एंटरटेनमेंट डेस्क, एबीपी गंगा। मुकेश ने अपने करियर में 200 से ज्यादा फिल्मों में गाने गाए हैं। मुकेश ने हर किस्म के गाने गाए हैं।, लेकिन उनको जो असली पहचान मिली वो उनके दर्द भरे गानों से मिली हैं। आपको बता दें, मुकेश फिल्मफेयर पुरस्कार को जितने वाले पहले मेल गायक थे। मुकेश को गाने के लिए बाहर विदेश से भी ऑफर मिला करते थे। एक दिन की बात है मुकेश में अमेरिका पर्फोर्मन्स देने गए थे। जैसे ही वो स्टेज पर अपना शो करने पहुंचे उसी दौरान उनको दिल का दौरा पड़ा और उनका का निधन हो गया। 27 अगस्त, 1976 को मुकेश का निधन हुआ था।



मुकेश का जन्म 22 जुलाई 1923 को लुधियाना के जोरावर चंद माथुर और चांद रानी के घर हुआ था। उनका पूरा नाम मुकेश चंद्र माथुर था। उनके पिता जोरावर चंद्र माथुर पेशे से इंजीनियर थे। आपको बता दें, मुकेश के 10 भाई-बहन थे और मुकेश उन 10 भाई-बहनों में से छठे नंबर के थे।



मुकेश को बचपन से ही गाना गाने का शौक़ था। वो अपनी प्रेक्टिस के लिए अपने स्कूल के दोस्त को गाना सुनाया करते थे। मुकेश ने सिर्फ 10वीं क्लास तक पढ़ाई की है। पढ़ाई छोड़ कर मुकेश ने पीडब्लूडी में नौकरी की थी।



मुकेश ने अपना पहला गाना 'दिल ही बुझा हुआ हो तो' गाया था। एक दिन उनकी आवाज का जादू के.एल. सहगल पर चल गया। मुकेश का गाना सुनकर सहगल भी हैरान हो गए थे। फिर उसके बाद क्या था, किस्मत ऐसी पलटी की वो बन गए 50 के दशक के शोमैन 'राज कपूर की आवाज'।



मुकेश अपने समय के हर सुपरस्टार की आवाज बने। एक किस्सा बहुत ही दिलचस्प है। मुकेश की आवाज का जादू लोगों पर कैसा था इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि एक बार एक लड़की बीमार हो गई। वो अपनी मां से बोली कि अगर मुकेश आकर उसे अपना गाना सुनाएं तो वह ठीक हो सकती है। डॉक्टर से इस बात का पता चलने पर मुकेश तुरंत उस लड़की से मिलने पहुंच गए और गाया सुनाया।



एक दिन मुकेश ने अपने रिश्तेदार मोतीलाल की बहन की शादी में गाना गाया। मोतीलाल को मुकेश की आवाज इतनी पसंद आई की वो उन्हें मुंबई ले गए और गाने की ट्रेनिंग दिलवाई। साल 1959 में ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म 'अनाड़ी' ने राज कपूर को पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड दिलाया। कम ही लोगों को पता होगा कि राज कपूर के जिगरी यार मुकेश को भी अनाड़ी फिल्म के 'सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी' गाने के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था।