बॉलीवुड की मशहूर सिंगर शमशाद बेगम भले ही आपको याद ना हों, लेकिन उनके द्वारा गाए गए सुपरहिट गाने "मेरे पिया गये रंगून" और "कजरा मोहब्बत वाला" आज भी लोगों की हिट लिस्ट में शामिल होते हैं। जी हां इन मशहूर गानों को गाने वाली गायिका आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी आवाज लोगों के दिलों में आने वाले वक्त में भी जिंदा रहेगी। तो चलिए आज की इस स्पेशल स्टोरी में हम आपको दिग्गज सिंगर शमशाद बेगम के बारे में कुछ अनसुनी बातें बताते हैं।
सन 1919 को पंजाब में जन्मीं शमशाद बेगम को बचपन से ही गाने का बहुत शौक था, उन्होंने पेशावर रेडियो में काम किया था। पर उनका सपना था फिल्मों में गाना का जिसे पूरा करने में शमशाद के चाचा ने उनकी बहुत मदद की। उस वक्त शमशाद के चाचा उन्हें लाहौर की एक बड़ी म्यूजिक कंपनी में ऑडीशन के लिए ले गए। जहां गुलाम हैदर ने उनका ऑडीशन लिया, गुलाम हैदर, शमशाद की आवाज से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने पहली ही बार में शमशाद के साथ 15 गानों का कॉन्ट्रेक्ट साइन कर लिया। शमशाद एक मुस्लिम परिवार से थीं लेकिन उन्हें एक हिंदू लड़के से प्यार हो गया। उनका दिल एक हिंदू वकील जिसका नाम था गणपत लाल पर आया। दोनों के रिश्ते को लेकर परिवार के खूब विरोध हुआ लेकिन शमशाद ने किसी की नहीं सुनी, फिर 15 साल की उम्र में उन्होंने गणपत लाल से शादी कर ली। गणपत लाल ने लाहौर से मुंबई तक अपनी पत्नी शमशाद बेगम का हर कदम पर ख्याल रखा और साथ निभाया तो वहीं शमशाद ने भी अपनी पूरी उम्र गणपत के साथ अपना रिश्ता निभाया।
आपको बता दें कि शमशाद ने अपने करियर में अलग-अलग भाषाओं में लगभग 6,000 से ज्यादा गाने गाए। वो अपने दौर की सबसे मशहूर सिंगर हुआ करती थीं। उन्होंने अपने करियर में नौशाद, एसडी बर्मन और ओ पी नैयर जैसे महान संगीतकारों के साथ काम किया। उन्होंने 'लेके पहला पहला प्यार' और 'कहीं पे निगाहें', 'मेरे पिया रंगून',‘कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना’, ‘सइयां दिल में आना रे’, ‘कभी आर कभी पार’, जैसे कई सुपरहिट गाने गाए जो आज भी लोग बड़े मजे से सुनते हैं। इतना ही नहीं शमशाद को संगीत की दुनिया में उनके योगदान के लिए साल 2009 में पद्म भूषण अवार्ड से भी नवाजा गया था।