रामानंद सागर (Ramanand Sagar) के द्वारा बनाई गई रामायण (Ramayan) 80 के दशक में पहली बार टेलीविजन पर दिखाई गई थी। इस रामायण ने पूरे देश का मन मोह लिया था। हाल में कोरोनावायरस लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) के चलते सरकार ने इसे दोबारा दूरदर्शन पर दिखाने का फैसला लिया और इसने फिर से साबित कर दिया कि ये हर जनरेशन के साथ अपना रिश्ता स्थापित कर लेती है।



रामायण में हनुमान जी का किरदार हिंदी सिनेमा के बलवान एक्टर दारा सिंह ने निभाया था। वैसे तो दारा सिंह पहले भी कई फ़िल्मों में काम किया करते थे, लेकिन रामायण में हनुमान जी के रोल ने उन्हें जो शोहरत दिलाई वो अलौकिक थी। हनुमान जी के रोल में दारा सिंह घर-घर में लोकप्रिय और पूज्यनीय हो गये थे। सूत्रों के अनुसार ऐसा कहा जाता है 80 के दशक में रामायण आने से पहले लोग नहा कर टीवी की पूजा किया करते थे।



दारा सिंह ने अपना फ़िल्मी करियर 1952 की फ़िल्म संगदिल से शुरू किया था। 1962 की फ़िल्म किंग कॉन्ग में वो पहली बार लीड रोल में नज़र आये। दारा सिंह ने मुमताज़ के साथ सबसे अधिक 16 फ़िल्में की थीं। दोनों की जोड़ी काफ़ी लोकप्रिय थी। दारा सिंह अपने केटेगरी में सबसे महंगे कलाकार थे। उस वक़्त वो एक फ़िल्म के लिए लगभग 4 लाख रुपये फीस लिया करते थे।



आपको बता दें, ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि जब रामानंद सागर ने भगवान हनुमान के किरदार के लिए दारा सिंह (Dara Singh) से कॉन्टैक्ट किया तो उन्होंने इसे करने से इंकार कर दिया था। असल में दारा सिंह को लगता था कि वो काफी बूढ़े हो चुके हैं और इस किरदार के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे, इसीलिए उन्होंने मेकर्स से किसी युवा लड़के को इस रोल में कास्ट करने के लिए कहा था। लेकिन ये रामानंद सागर का भरोसा था, कि दारा सिंह से बेहतर भगवान हनुमान का किरदार कोई और नहीं निभा सकता है।



जब दारा सिंह ने 'रामायण' में हनुमान का रोल किया तो लोग उनमें रियल हनुमान को देखने लगे थे। एक ऐसा भी दौर आया था, जब दारा सिंह के हनुमान वाले पोस्टर्स मंदिरों में लगाए जाने लगे थे। इतना ही नहीं, लोगों ने दारा सिंह की शक्ल वाले हनुमान की मूर्तियां घरों में रखनी शुरू कर दी थी और वे इनकी पूजा भी करते थे।