घर पर वक्त कैसे काटा जाए ये भी समस्या सामने आने लगी है। मन बहलाने के लिए फिल्में बहुत अच्छा माध्यम हैं। यहां पर हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी रोमांटिक फिल्मों की जिन्हें देख आप कुछ देर के लिए कोरोना के डर को दिमाग से दूर कर सकते हैं। ये वो फिल्में हैं जो साल 2000 के बाद रिलीज हुई हैं। जिन्होंने बदल दी प्यार की परिभाषा और दर्शकों को चौंका दिया। ऐसी कहानियां और किरदार कि लोग इनके साथ खुद को जोड़ लें। इनकी दुनिया में खो जाएं। इन्हीं फिल्मों की बीच कुछ ऐसी फिल्में भी आईं जो लीक से हटकर थीं। इन फिल्मों ने प्यार की कनेवेंशनल डेफिनेशन को नकार दिया और दो लोगों के बीच ऐसे रिश्ते बने जो आमतौर पर कॉमन नहीं रहे।



सबसे अलग बात ये रही कि दर्शकों ने इन फिल्मों पर अपनी मुहर लगाकर साबित कर दिया। तो पेश है ऐसी फिल्में जो पिछले दो दशक में आईं और लोगों के दिलों में अपनी छाप छोडने में कामयाब रहीं।


लव आज कल



साल 2009 में आई सैफ अली खान और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म लव आज कल में दो अलग जनरेशन में प्यार को लेकर लवर्स की समझ पर रोशनी डाली है। जहां एक जनरेशन प्यार को जीवन में एक बार होने वाली चीज समझती है वहीं दूसरी जनरेशन के लिए ये बार बार होने वाला इवेंट है।


हम तुम



साल 2004 में आई सैफ अली खान और रानी मुखर्जी की इस फिल्म में एक यंग केयरफ्री अपनी मस्ती में मस्त लड़के और पति को खो चुकी एक लड़की की लव लाइफ दिखाई गई है। बढ़िया गाने और एक्टिंग से सजी यह फिल्म देखने लायक है। इसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिला था।


लंच बॉक्स



इरफान खान की लंच बॉक्स 2013 में रिलीज हुई थी। ये एक ऐसी फिल्म थी जिसमें दो ऐसे लोगों की नजदीकियां दिखाई थी, जिनका आमतौर पर कोई मेल नहीं हो सकता था। लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनती हैं कि एक बुजुर्ग आदमी और एक कम उम्र की शादीशुदा महिला बिना मुलाकात किए ही करीब आ जाते हैं।


तेरे नाम



साल 2003 में सलमान खान ने इस फिल्म में राधे बन लोगों के दिलों पर अपनी एक अलग ही छाप छोड़ी। असफल प्यार किसी को किस हालत में पहुंचा सकता है इस फिल्म की खासियत रही। सलमान का हेअर स्टाइल और गाने बहुत पसंद किए गए। सलमान खान के करियर की बेस्ट फिल्मों में से यह एक मानी जाती है।


मैं मेरी पत्नी और वो



साल 2005 में आई इस फिल्म में हीरो के नाम पर राजपाल यादव थे जो अपनी कम हाईट के कारण हमेशा खुद को कमतर समझते रहे। एक लंबी हाईट की पत्नी के कारण उनको जो मुश्किलें आती हैं उसे फिल्म में बखूबी दिखाया गया।


तमाशा



साल 2015 में आई तमाशा में रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण लीड रोल में थे। ये कपल एक दूसरे से अपनी पहचान को छुपाकर साथ रहते है, करीब आते है और फिर अपनी राह पर चल देते हैं। फिर जब ये दोबारा मिलते हैं तो क्या होता है फिल्म की कहानी है। निर्देशक इम्तियाज़ अली ने बारीकी से अपनी बात इस फिल्म में रखी है।


गदर एक प्रेम कथा



साल 2001 में आई सनी देओल और अमीषा पटेल की फिल्म गदर को भले ही एक्शन फिल्म माना जाता हो, लेकिन इसकी सफलता इसकी लव स्टोरी में है। यह एक ऐसे पति की कहानी है जो अपनी पत्नी को वापस लाने के लिए सरहद पार करता है और अकेला ही पूरे देश से भिड़ जाता है।


जब वी मेट



साल 2007 में रिलीज हुई करीना कपूर खान और शाहिद कपूर की इस फिल्म में करीना के किरदार को लोगों का भरपूर प्यार मिला क्योंकि अपनी मस्ती में मगन एक अल्हड सी लडकी की जिंदगी में क्या क्या बदलाव होते हैं और उसका ये मस्तीभरा अंदाज उसे किस मुसीबत में डालता है इस फिल्म में बखूबी दर्शाया गया।


बाजीराव मस्तानी



बाजीराव और मस्तानी की प्रेम कहानी को संजय लीला भंसाली ने सूक्ष्मता के साथ दिखाया। रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा की अदाकारी फिल्म को अलग ही स्तर पर ले जाती है। बाजीराव-मस्तानी के प्रेम को दर्शक गहराई के साथ महसूस करते हैं।


गलियों की रासलीला रामलीला



दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की केमेस्ट्री इसी फिल्म से नजर आने लगी थी। दो दुश्मनी वाले परिवारों के बाद इनकी मोहब्बत को मुकाम पर पहुंचाने की जिद कैसे इनके खत्म होने की इबारत लिखती है फिल्म में बखूबी दिखाया गया है।