यूपी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा करेंगे बोनी कपूर, इंटरनेशनल फिल्म सिटी के लिए YEIDA से समझौता
सीएम योगी आदित्यनात ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में फिल्म सिटी बनाने का फैसला किया था. सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा होने की दिशा में एक कदम और बढ़ाया गया है.

International Film City: फिल्म निर्माता बोनी कपूर और बेव्यू प्रोजेक्ट्स ने गुरुवार को नोएडा इंटरनेशनल फिल्म सिटी के विकास के लिए YEIDA के साथ एक रियायत समझौते पर दस्तखत किए. बेव्यू प्रोजेक्ट्स ने 31 जनवरी को टेंडर हासिल किया था जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को 18 प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी की पेशकश की गई थी. टेंडर प्रक्रिया में चार और कंपनियां शामिल थीं हालांकि वह बोली नहीं जीत पाए.
कपूर और भूटानी समूह के आशीष भूटानी ने ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण के कार्यालय में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के सीईओ अरुण वीर सिंह और अतिरिक्त सीईओ शैलेंद्र भाटिया की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए.
इस साल जनवरी के आखिरी हफ्ते में बेव्यू प्रोजेक्ट्स एलएलपी, बोनी कपूर और भूटानी ग्रुप ने हाईस्ट बिड देकर पहले चरण का काम पाया था. अब, 155 एकड़ में फिल्मसिटी का ढांचा तैयार होगा और विकासकर्ता कंपनी को 90 साल का लाइसेंस मिलेगा.
अनुमानित लागत 1,510 करोड़ रुपए
उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इन कंपनियों ने फिल्म सिटी परियोजना को विकसित किए जाने के संबंध में अपना विजन कॉन्सेप्ट टाइमलाइन हाइलाइट्स दिया था.
फिल्म सिटी के 10 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट के लिए बॉलीवुड के कई बड़े फिल्ममेकर्स अपना दावा पेश कर रहे थे.
पहले चरण में अनुमानित लागत 1,510 करोड़ रुपए है. हालांकि, 1,000 एकड़ में विकसित होने वाले फिल्म सिटी की कुल लागत 10,000 करोड़ होगी. इसमें 75 एकड़ में कमर्शियल और 155 एकड़ में फिल्म सिटी से जुड़ी गतिविधियों का ढांचा तैयार होगा. फिल्म सिटी को विकसित करने वाली कंपनी को 90 साल का लाइसेंस दिया जाएगा. इसका दूसरा चरण 385 एकड़ का होगा और उसके बाद तीसरे चरण की शुरुआत होगी.
पहले फिल्म सिटी का लाइसेंस 60 सालों के लिए दिया जा रहा था, जिसे बढ़ाकर 90 सालों के लिए कर दिया गया है. मोरटोरियम पीरियड को भी 4 की जगह अब 7 साल कर दिया गया है. जिसका मतलब है कि जो कंपनी इसका निर्माण कराएगी उसे 7 सालों तक कुछ नहीं देना होगा. उसके बाद ही रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल पर भुगतान करना होगा.
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