रायबरेली: जब जिले का मुखिया खुद सेवक बनकर गांव-गांव टहल रहा हो और लोगों के दर्द सुनकर निराकरण कर रहा हो. उसी समय उसे कोयले में हीरा दिखाई पड़े तो जौहरी की भांति उसे अलग करने का हुनर चुनिंदा लोगों में ही देखने को मिलता है. ऐसा ही एक मामला रायबरेली जनपद के राधनपुर में देखने को मिला, जहां जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव की मुलाकात एक ऐसे बच्चे से हुई जिसने डीएम को प्रभावित ही नहीं किया बल्कि उस बच्चे ने उनके दिल को छू लिया. जिसके बाद जिलाधिकारी ने उसे सिर्फ ना अपने कार्यालय बुलाया बल्कि उसे सम्मानित भी किया और आगे उसके प्रगति में साथ रहने का आश्वासन भी दिया.


बच्चे के जवाब से हैरान रह गये डीएम


जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव मिल एरिया थाना क्षेत्र के राधनपुर गांव गए थे. उनके लौटते समय रेलवे क्रॉसिंग बंद मिली, जहां उन्हें एक बच्चा दिखाई पड़ा. अपनी गाड़ी से उतर कर डीएम वैभव श्रीवास्तव ने उस बच्चे से बात की. बात करते वक्त उस लड़के ने अपना नाम जयदीप बताया, जो कक्षा 6 का छात्र है. इस पर जिलाधिकारी ने उससे गणित के कुछ प्रश्न पूछे जिसका उसने फटाफट जवाब दे दिया. पायथागोरस प्रमेय का सूत्र जो उस बच्चे के स्तर से काफी कठिन था लेकिन उसने सही जवाब दिया. इससे प्रभावित होकर जिलाधिकारी ने उसे अपने कार्यालय बुलाया. कार्यालय पहुंचकर जयदीप व उसके परिजनों ने जिलाधिकारी से मुलाकात की.


बच्चे को हरसंभव मदद दी जाएगी 


जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने जयदीप को ढेर सारी किताबें, जूते मोजे व अन्य संसाधन मुहैया कराकर उसे आगे की पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया और उसके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए स्पष्ट किया कि जब भी उसे उनकी जरूरत पड़े तत्काल याद करे. उनकी सहायता की जाएगी. जिलाधिकारी के इस कदम के बाद जनपद के सभी आम जनों ने जिलाधिकारी की प्रशंसा की. साथ ही अपेक्षा की यदि ऐसा ही अधिकारी जनपद को मिलता रहे तो मेधावियों को आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता और इन्हीं अधिकारियों की बदौलत ऐसे मेधावी जनपद का नाम रोशन करने में महती भूमिका निभाएंगे.


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