कानपुर, प्रभात अवस्थी। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद प्राथमिक स्कूलों के हालात सुधारने का नाम नहीं से रहे हैं। कभी मिड डे मील में गड़बड़ी की बात सामने आती है तो कहीं पर बच्चों से बर्तन धुलवाए जाते हैं, यही नहीं कहीं कहीं तो टीचर ही स्कूल नहीं आते हैं। इस बीच ताजा मामला कानपुर का है, जहां पर बच्चों को पढ़ाने की जगह उनसे स्कूल में झाड़ू लगवाई जा रही है। यही नहीं बच्चे ढंग से झाड़ू लगाए इसके लिए वहां मौजूद टीचर हाथ में छड़ी ले कर झाड़ू लगवाती हैं।
गोविन्द नगर के गुजैनी सेक्टर जी ब्लाक स्थित प्राथमिक विद्यालय की तस्वीर देख आप हैरान रह जाएंगे। यहां पर पढ़ाने की जगह अध्यापक हाथों में छड़ी ले कर बच्चों से स्कूल में झाड़ू लगवा रहे है। सरकार लाखों करोड़ों का बजट खर्च करती है कि बच्चों का भविष्य बने लेकिन शायद जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
अब ये देखिए कि स्कूल की प्रिंसिपल ने नया नियम बनाया है। झाड़ू लगाने के बारे में बच्चे से सुनिए जब उससे पूछा गया तो उसका कहना है कि रोज ही झाड़ू लगाते हैं। मैम ने नियम बनाया है कि एक दिन स्कूल के लड़के झाड़ू लगाएंगे और और एक दिन स्कूल की लड़कियां झाड़ू लगाएंगी। तो आज जब एबीपी गंगा के संवाददाता स्कूल पहुंचे तो वहां लडके झाड़ू लगा रहे थे तो साफ हो गया कि आज झाड़ू लगाने की बारी लड़कों की है लेकिन इन मैडम को देखिए पढ़ाते समय भले इतना ध्यान न देती हों लेकिन सफाई में कोई कमी न हो जाये इसके लिए वो छड़ी ले कर अच्छे से झाड़ू लगवा रही हैं।
स्कूल की प्रिंसिपल दीपाली वर्मा भी कैमरा देख कर थोड़ा सा हड़बड़ा गयी लेकिन सफाई का काम नहीं रुकवाया। यही नहीं सफाई देते हुए बताया कि अब स्वीपर नहीं है, तो क्या करें, बच्चे ही सफाई करेंगे। प्रिंसिपल की बात अगर सूबे के मुखिया सुन ले तो शायद उनको भी टेंशन हो जाएगी कि आखिर इतना बजट सरकार खर्च कर रही है लेकिन झाड़ू बच्चों से लगवाई जा रही है।