उत्तर प्रदेश में जोरों पर 'ब्राम्हण राजनीति', बीएसपी और बीजेपी ने बताया अपना
हरीश द्विवेदी ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल से सपा और बसपा कहां थे? वहीं सतीश चंद्र मिश्रा ने दावा किया कि 2007 वाला सोशल इंजीनिरिंग का फॉर्मूला 2022 के चुनाव में भी देखने को मिलेगा.
नई दिल्ली: यूपी के बस्ती से सांसद व बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव हरीश द्विवेदी ने आज से शुरू हो रहे बसपा के ब्राम्हण सम्मेलन पर बयान दिया है. हरीश द्विवेदी ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल से सपा और बसपा कहां थे? ब्राम्हण राष्ट्रवादी सोच का होता है और आज वो बीजेपी के साथ है.
हरीश द्विवेदी ने कहा कि ब्राम्हणों ने सपा और बसपा दोनों का समय देखा है अब बीजेपी का भी वक़्त देखा है. वहीं खुशी दुबे के केस पर उन्होंने कहा कि खुशी दुबे का केस न्यायालय में है और न्यायालय इस तरह के मामलों में फैसला करता है. बसपा के केस लड़ने से बीजेपी को कोई दिक्कत नही है. उन्होंने कहा कि ब्राम्हण समेत सभी जातियों का बीजेपी ने पूरा खयाल रखा है. सभी के लिए विकास किया है और सभी आज बीजेपी के साथ हैं.
वहीं दूसरी ओर जगदंबिका पाल ने कहा कि बसपा ने पहले भी ब्राम्हणों को साथ लाने के लिए कई प्रयत्न किए लेकिन बाद में ब्राम्हणों ने बसपा को देखा. आज ब्राम्हण बीजेपी के साथ है. संसद में सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष हंगामा छोड़ने को राजी नहीं है. जिस भी मुद्दे पर विपक्ष चर्चा चाहता हो सरकार तैयार है लेकिन विपक्ष शान्ति से सदन में आए.
बीजेपी को डर सता रहा- सतीश चंद्र मिश्रा
वहीं एबीपी गंगा से Exclusive बातचीत में बीएसपी के राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि बीजेपी को डर सता रहा है कि ब्राह्मण बीएसपी के साथ चला जाएगा तभी तो वह इस पर सवाल खड़े कर रही है. 2007 वाला सोशल इंजीनिरिंग का फॉर्मूला 2022 के चुनाव में भी देखने को मिलेगा.
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