Agra News: होली के उत्सव की अगर धूम आपको देखनी है तो आपको ब्रज क्षेत्र में आना होगा. क्योंकि जैसी होली ब्रज में खेली जाती है दुनिया में और कहीं आपको देखने को नहीं मिलेगी. ब्रज की होली उत्सव दुनिया भर में अपनी अनोखी छटा के लिए विश्व प्रसिद्ध है. जिसमे अनेकों फिल्मी गाने भी बने जिन्हे आम तौर आप गुनगुनाते रहते है. होली के अवसर पर दूर-दूर से लोग ब्रज में पहुंचते हैं और होली उत्सव के रंग में रंग जाते हैं. ब्रज की होली विशेष इसलिए मानी जाती है क्योंकि यहां राधा कृष्ण के होली खेलने की पौराणिक यादें जीवंत हैं. 


होली के उत्सव पर अपने इष्ट की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु आतुर नजर आ रहे हैं. राधा रानी और भगवान श्री कृष्ण की एक झलक पाकर उनके साथ होली के उत्सव को मना रहे है तो श्रद्धालु उनके साथ होली खेलने के लिए ब्रज में पहुंच रहे है. इन दिनों ब्रज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ नजर आ रही है.


ब्रज इकलौता क्षेत्र जहां लठमार होली
ब्रज की ऐसी होली जिसमें हुरियारन हाथ में लठ लेकर होली का उत्सव मनाती हैं. आमतौर पर अगर आपको किसी के हाथ में लाठी नजर आएगी तो लगेगा कि कहीं झगड़ा तो नहीं हुआ लेकिन ब्रज इकलौता ऐसा क्षेत्र है जहां लाठी के साथ ही होली खेली जाती है, जिसे कहा जाता है लठमार होली. मथुरा , वृंदावन , बरसाना , रेवती रमण , दाऊजी , रमनरेती जैसे कई धार्मिक पौराणिक स्थल है, जहां पर इन दोनों होली उत्सव की धूम मची है. दूर-दूर से लोग ब्रज की होली के रंग में रंगने के लिए पहुंच रहे है. इसके साथ ही लोग भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के साथ होली खेल रहे हैं. 


ब्रज में छाया रंग गुलाल अबीर
मथुरा वृंदावन बरसाना की होली का रंग ही अलग होता है. जहां रंग गुलाल अबीर की अलग छटा छाई रहती है. यहां आने वाले श्रद्धालु होली के रंग में रंगे नजर आ रहे हैं. ब्रज की महारानी राधा रानी और ठाकुर बांके बिहारी लाल के दर्शनों के लिए श्रद्धालु आतुर नजर आ रहे है. मथुरा वृंदावन बरसाना में फाग उत्सव को बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है जिसमें चारों ओर रंग गुलाल अबीर की छठ छाई हुई है . बड़ी संख्या में श्रद्धालु ब्रज की होली खेलने के लिए पहुंच रहे हैं और अपने इष्ट के साथ, अपने प्रभु और ब्रज की महारानी राधा रानी के साथ होली खेल रहे हैं. 


ब्रज की होली परंपरागत और प्राचीन है
ब्रज की होली में अनोखे अंदाज नजर आते हैं जो परंपरागत और प्राचीन है. ब्रज की होली में लठमार होली विशेष मानी जाती है. इस दिन हुरियारन अपने हाथों में लठ लेकर चलती है और नंदगांव से होली खेलने आए सखाओ पर लाठी चलाती है. लठमार होली का अलग ही रंग नजर आता है. जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहले से ही ब्रज में जमा होने लगते हैं. ब्रज की होली की अनोखी छटा और ब्रज की महारानी राधा रानी- ठाकुर बांके बिहारी लाल के दर्शन कर श्रद्धालुओं अलग ही अनुभूति करते है.


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