UP Assembly Election 2024: उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त होने के बाद समाजवादी पार्टी के नेता और इटवा से विधायक माता प्रसाद पांडेय ने राज्य के डिप्टी सीएम, स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक और उर्जा मंत्री अरविंद शर्मा से सवाल किया. इस दौरान ब्रजेश पाठक ने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी तक दे डाली.


माता प्रसाद पांडेय ने बतौर नेता प्रतिपक्ष अपना पहला सवाल किया. उन्होंने पूछा कि जब आप मेडिकल कॉलेज बना रहे थे तब उसमें प्रावधान था कि आप 500,1000 बेड का अस्पताल अलग बनाएंगे. लेकिन ऐसा न कर के आपने उसे जिला अस्पताल से संबद्ध कर दिया. उसी को आधार बना कर आपने मेडिकल कॉलेज बना दिया. अब जो जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज से संबद्ध कर दिया तो क्या यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वहां निःशुल्क दवाएं मिलेंगी. निःशुल्क सेवाएं मिलेंगी क्योंकि ऐसा हो नहीं रहा है.


माता प्रसाद पांडेय के सवाल पर ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह नेता प्रतिपक्ष का पहला सवाल है. हम इसका पूरा सम्मान करते हैं. जिन जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित किया गया है, चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्थानांतरित किया गया है सभी में पूर्व की भांति सेवाएं निःशुल्क जारी है. इसके बाद पाठक ने कहा कि अगर आपके पास इसकी शिकायत है कि जो सुविधा पहले निःशुल्क थी और अब उसके पैसे लिए जा रहे हैं तो आप लिखिए हम उनके खिलाफ ऐसी कड़ी कार्रवाई करेंगे कि वो याद रखेंगे.


उर्जा मंत्री से क्या पूछा?
इसके बाद माता प्रसाद पांडेय ने उर्जा विभाग के भी मंत्री से सवाल किया. उन्होंने पूछा कि मैं आपसे जानना चाहता हूं कि आज से कुछ दिन पहले आप बिजली प्रचुर मात्रा में दे रहे थे क्या कारण है कि आपको कटौती करने का निर्णय लेना पड़ा. क्या उत्पादन कम हो गया या क्षमता से कम बिजली केंद्र से मिली. इस पर उर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि 2021 22 में जो बिजली मिलती थी 31 प्रतिशत का घाटा था. इतने बड़े लॉस के साथ किसी तंत्र सिस्टम को चलाना बड़ा मुश्किल होता है. हर यूनिट पर बिजली विभाग को घाटा होता है. हमको तो ये विरासत में मिला है. 1 लाख करोड़ रुपये के घाटे में बिजली विभाग चल रहा है. हम लोग प्रयास कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा बिजली दे सकें. 


इस पर माता प्रसाद पांडेय ने दोबारा कहा कि मैंने जो पूछा उसका कारण बता नहीं रहे हैं आप. फिर अरविंद ने कहा कि बिजली की कमी नहीं है लेकिन आपके जमाने से विरासत में मिली व्यवस्था का भुगतान हम कर रहे हैं.