Lucknow KGMU: लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के ईएनटी विभाग के रेजिडेंट डॉ. रमेश कुमार द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस करने के प्रकरण को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने गंभीरता से लिया है. डिप्टी सीएम ने मरीज की मौत और प्राइवेट प्रैक्टिस प्रकरण की जांच के आदेश दिये हैं. वहीं अन्य जिला अस्पतालों को लेकर सख्ती बरतते हुए कहा है लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 


केजीएमयू ईएनटी विभाग के डॉ. रमेश कुमार पर आरोप है कि उन्होंने प्राइवेट प्रैक्टिस एवं इलाज के दौरान खदरा स्थित केडी अस्पताल में मरीज को भर्ती कराया था. इलाज के दौरान मरीज की मृत्यु हो गई थी. इस प्रकरण का डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से संस्थान, विभाग तथा सरकार की छवि धूमिल होती है. उन्होंने सीएमओ को जांच के निर्देश देते हुए खदरा स्थित केडी अस्पताल की भूमिका और व्यवस्थाओं को परखने के लिए भी कहा है. एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट प्रेषित करनी है.


पूर्व स्टोनो सुसाइड केस पर मांगी रिपोर्ट
डिप्टी सीएम ने सिप्सा के पूर्व स्टेनो राजेन्द्र कुमार जोशी द्वारा आत्महत्या के प्रकरण पर भी एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट तलब की है. मीडिया में पूर्व स्टोनो राजेंद्र कुमार जोशी को अफसरों द्वारा प्रताड़ित किए जाने की खबर प्रकाशित हुई थी. डिप्टी सीएम ने कार्यकारी निदेशक, राज्य परिवार नियोजन सेवा नवाचार परियोजना एजेन्सी (सिफ़्सा) को उक्त प्रकरण की रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं. 


वहीं आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में प्राइवेट सेंटर पर एक्सरे कराने और अन्य कथित अनियमितताओं को लेकर छपी खबरों को भी ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लिया. इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को प्रभावी कार्रवाई करने एवं स्पष्टीकरण सहित एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि मरीजों को उच्चस्तरीय निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. 


डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश 
डिप्टी सीएम ने गोरखपुर के जिला अस्पताल में तैनात रेडियोलॉजिस्ट/कार्यवाहक प्रमुख अधीक्षक डॉ. राजेंद्र कुमार के विरुद्ध लगातार भ्रष्टाचार किए जाने, गलत तरीके से  मेडिकोलीगल करने एवं अन्य कतिपय गंभीर शिकायतें प्राप्त होने पर उनके खिलाफ जांच बैठाई गई है. रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. 


वहीं, उप मुख्य चिकित्साधिकारी/उपजिला क्षय रोग अधिकारी, हमीरपुर डॉ. दीपक मणि नायक द्वारा स्वास्थ्य संबंधित राष्ट्रीय कार्यक्रमों में रुचि न लेने, उच्चाधिकारियों के आदेशों की अव्हेलना करने की प्रारंभिक जांच जिलाधिकारी द्वारा कराई गई थी. जांच में दोषी पाए जाने पर डीएम द्वारा शासन को अवगत कराया गया है. चिकित्साधिकारी के विरुद्ध प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य को भी जांच कराने के निर्देश जारी किए गए हैं. 


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