Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले दलित मतदाताओं को साधने के लिए राजनैतिक पार्टियां जुटी हुई हैं. यूपी में बसपा को दलितों का समर्थन प्राप्त है. हालांकि पिछले चुनावों में मायावती का कोर वोट बैंक छिटका है. अब मायावती के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए बीजेपी ने नई रणनीति बनाई है. दलित वोट बैंक के सहारे एक बार फिर केंद्र की सत्ता में वापसी की तैयारी है. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि बीजेपी सभी वर्गों को साथ लेकर चल रही है.


दलित मतदाताओं को पाले में करने की तैयारी


यूपी में दलित आबादी का प्रतिशत करीब 22 है. बीजेपी का मानना है कि बड़े वर्ग को साधकर तीसरी बार नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है. यूपी की 80 लोकसभा सीटों का लक्ष्य प्राप्त करने में भी दलितों के समर्थन की दरकार होगी. दलितों का साथ मिलने से बीेजपी को भारी बहुमत मिला है. इसलिए अब बीजेपी दलितों के बीच दस्तक देनेवाली है. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के बीच बीजेपी का संपर्क अभियान लगातार जारी है.


लोकसभा चुनाव में जीत के लिए बनाया प्लान


पार्टी ने अब एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है. योजना के तहत क्षेत्रवार कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. घोसी उपचुनाव में मिली करारी शिकस्त से बीजेपी की चिंता बढ़ गई है. हार की सबसे अहम वजह में दलित वोट बैंक का बीजेपी के साथ नहीं जुड़ना बताया गया. लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर पिछले दिनों अनुसूचित समाज से जुड़े जन प्रतिनिधियों की बैठक दो घंटों तक चली. बैठक में दलितों का दिल जीतने पर मंथन किया गया. बीजेपी ने दलितों को साधने के लिए पूरे प्रदेश में क्षेत्रवार अनुसूचित सम्मेलन करने का मंसूबा बनाया है. सम्मेलन में अनुसूचित समाज की अलग-अलग बिरादरी को बीजेपी सरकार की उपलब्धियों को बताया जाएगा और दलितों की समस्याओं को भी जानने की कोशिश की जाएगी. 


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