AMU News: भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के द्वारा बड़ी पहल की है. इस पहल से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की चारों ओर चर्चा होने लगी है, जहां एक और सोशल मीडिया पर तमाम तरह के फॉलोअर बढ़ाने के लिए लोगों के द्वारा तरह तरह की पोस्ट की जाती है. वहीं आज भी कुछ जगह पर कुछ महिलाएं बच्चों को खुले में दूध पिलाने से कतराती है. जिसकी बजह से नन्ने ननिहाल भूख की वजह से तड़पते है, लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के द्वारा की गई इस पहल से ऐसी महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी जिसमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की तरफ से स्तनपान के लिए एक अलग केंद्र खोला गया है, जो की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में आकर्षण का केंद्र रहेगा.


दरअसल पूरा मामला अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) का है, जहां के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (जेएनएमसी) ने अपने मुख्य ओपीडी हॉल, बाल चिकित्सा ओपीडी और स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) परिसर में स्तनपान केंद्र स्थापित किए हैं. इन केंद्रों को विशेष रूप से उन माताओं की सुविधा के लिए बनाया गया है, जो अपने बच्चों को दूध पिलाने के लिए एक सुरक्षित और निजी स्थान की आवश्यकता महसूस करती हैं. इन केंद्रों में माताओं की निजता और सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है. यहां पर्याप्त रोशनी, आरामदायक बैठने की व्यवस्था जैसे सोफे और शांत वातावरण प्रदान किया गया है. इस पहल का उद्देश्य माताओं को स्तनपान के दौरान होने वाली असुविधा से बचाना और उन्हें एक सुरक्षित स्थान देना है.


स्तनपान केंद्रों के बनने से मिलेगा लाभ
मेडिसिन संकाय की डीन और जेएनएमसी की प्राचार्या, प्रो. वीणा माहेश्वरी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इन केंद्रों की स्थापना महिला मरीजों और तीमारदारों के लिए बहुत मददगार होगी. उन्होंने कहा, "अब माताओं को अपने बच्चों को दूध पिलाने के लिए एकांत स्थान ढूंढने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा." प्रो. माहेश्वरी ने इस बात पर जोर दिया कि माताओं और बच्चों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ये केंद्र स्वास्थ्य सेवाओं में एक बड़ा सुधार है. उनका कहना था कि इस तरह की सुविधाओं से महिलाओं की गोपनीयता बनी रहती है और वे अपने बच्चों को स्तनपान कराने में सहज महसूस करती हैं.


बाल रोग विभाग की अध्यक्ष, प्रो. जेबा जका-उर-रब ने कहा कि इन स्तनपान केंद्रों को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य स्तनपान को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि स्तनपान केवल बच्चे के पोषण के लिए ही नहीं, बल्कि उसके संपूर्ण स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा तंत्र के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. प्रो. जका-उर-रब ने कहा, "माताओं की गोपनीयता बनाए रखना और उन्हें एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है. इस पहल से माताएं बिना किसी झिझक के अपने बच्चों को स्तनपान करा सकती हैं."


स्तनपान केंद्रों का उद्घाटन एक समारोह के दौरान किया गया
वहीं स्तनपान केंद्रों का उद्घाटन एक समारोह के दौरान किया गया. इस अवसर पर जेएनएमसी की प्राचार्या प्रो. वीणा माहेश्वरी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एस. अमजद अली रिजवी, और उप चिकित्सा अधीक्षक (ट्रॉमा ओपीडी) डॉ. मोहम्मद साकिब मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. उद्घाटन में प्रो. एस. मनाजिर अली ने भी भाग लिया. इस अवसर पर बाल रोग विशेषज्ञ प्रो. कामरान अफजल, एडीएमएस प्रो. वसीफ मोहम्मद अली, और कई अन्य वरिष्ठ डॉक्टर और स्टाफ सदस्य भी मौजूद थे. उपस्थित लोगों ने इस पहल की सराहना की और इसे स्वास्थ्य सेवाओं में एक महत्वपूर्ण कदम बताया.


यह पहल न केवल जेएनएमसी में आने वाली मरीजों और तीमारदारों के लिए सहायक है, बल्कि यह माताओं के अधिकारों और उनकी जरूरतों की भी पूर्ति करती है. अक्सर अस्पतालों में महिलाओं को अपने बच्चों को दूध पिलाने के लिए एकांत स्थान नहीं मिल पाता, जिससे उन्हें असुविधा होती है. स्तनपान केंद्र इन समस्याओं को हल करने में मदद करेगा. यहां माताएं बिना किसी झिझक के अपने बच्चों को स्तनपान करा सकती हैं. इसके साथ ही, अस्पताल प्रबंधन ने इन केंद्रों को सुविधाजनक और स्वच्छ बनाए रखने का विशेष ध्यान रखा है.


स्तनपान का महत्व
स्तनपान शिशु के जीवन के पहले छह महीनों में उसके पोषण का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है. यह शिशु को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है और उसे बीमारियों से बचाता है. इसके अलावा, यह मां और बच्चे के बीच एक मजबूत भावनात्मक संबंध बनाने में भी मदद करता है. हालांकि, सार्वजनिक स्थानों पर स्तनपान कराना अक्सर माताओं के लिए असुविधाजनक हो सकता है. ऐसे में स्तनपान केंद्र जैसी सुविधाएं महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत हैं.


चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एस. अमजद अली रिजवी ने कहा कि यह पहल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए की गई योजनाओं का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसे और भी केंद्र स्थापित किए जाएंगे, ताकि माताओं और बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें. डॉ. मोहम्मद साकिब ने कहा कि स्तनपान केंद्र माताओं और बच्चों की सेहत के लिए अत्यंत लाभदायक साबित होंगे. उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य केवल चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना ही नहीं, बल्कि मरीजों और उनके परिवारों की सभी जरूरतों का ध्यान रखना भी है."


समाज में जागरूकता का प्रसार
इस पहल के जरिए समाज में स्तनपान के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है. डॉक्टरों और विशेषज्ञों का मानना है कि स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए माताओं को सुविधाजनक और सुरक्षित वातावरण प्रदान करना आवश्यक है. अस्पताल प्रशासन ने यह भी बताया कि स्तनपान केंद्रों में स्वच्छता और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा. साथ ही, इन केंद्रों का उपयोग करने वाली माताओं के लिए अलग से जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे.


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