मेहनत और लगन से किए गए काम का फल जरूर मिलता है. शामली (Shamli) के एक छोटे से गांव सिलावर में रहने वाले मजदूर पर मिसाल सटीक बैठती है. कुलदीप का उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (Uttar Pradesh Cricket Association) में शामली जनपद से सिलेक्शन हुआ है. ईंट भट्टे पर काम करनेवाले मजदूर का चयन होने से गांव, परिवार और जिले में खुशी का माहौल है. कुलदीप के पिता की कोरोना काल में मौत हो चुकी है. बचपन से ही कुलदीप गरीबी में पला बढ़ा है. कुलदीप के लिए क्रिकेट की मंजिल को पाना आसान नहीं था. मां शकुंतला देवी मेहनत मजदूरी कर बच्चों की पढ़ाई लिखाई और पालन पोषण कर रही है. कुलदीप भी मां के काम में हाथ बंटाता और थोड़ा बहुत समय पढ़ाई और खेल में देता.


ईंट भट्टा मजदूर का क्रिकेट खेलने का सपना सच


क्रिकेट खेलने से कुलदीप का परिवार रोकता था. गांव के लोग भी रोक-टोक करते थे. कुलदीप तंज और टीका टिप्पणी को नजरअंदाज कर खेल पर लगातार ध्यान देता रहा. गरीबी को देखते हुए क्रिकेट कोच ने कुलदीप की सारी फीस माफ कर दी. क्रिकेट कोच कुलदीप की प्रतिभा से काफी प्रभावित थे. उन्होंने मुफ्त में कुलदीप को कोचिंग कराने का फैसला किया. पिछले 4 साल से कुलदीप क्रिकेट की कोचिंग कर रहा था. कोचिंग मिलने से कुलदीप की प्रतिभा फास्ट बॉलर के रूप में निखर कर सामने आई. कुलदीप ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में फास्ट बॉलिंग का दमखम दिखाया. कानपुर से रणजी ट्रॉफी में चयन का कॉल आया तो कुलदीप को यकीन नहीं हुआ कि सपना सच साबित हो चुका है.


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खिलाड़ियों में फास्ट बॉलर जसप्रीत बुमराह आदर्श 


कुलदीप को आज भी सपना ही लगता है. कुलदीप के परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं है. मां भी बेहद खुश है लेकिन पति के नहीं होने से मलाल है. गरीबी में पले बढ़े होनहार युवा कुलदीप ने जनपद शामली का नाम रोशन करते हुए इतिहास रचा है. कुलदीप का मानना था कि क्रिकेट टूर्नामेंट में बड़े घर के बेटे ही शिरकत कर सकते हैं. उसने हिम्मत नहीं हारी और लगातार खेल प्रतिभाग में जलवा दिखाता रहा.


क्रिकेट में कुलदीप फास्ट बॉलर के तौर पर परचम लहरा रहा है. कुलदीप के नजदीक खिलाड़ियों में आदर्श फास्ट बॉलर जसप्रीत बुमराह हैं. उसका कहना है कि बुमराह से प्रेरित होकर क्रिकेट खेलने की मन में इच्छा पैदा हुई थी. आज कुलदीप ने क्रिकेट में मुकाम हासिल कर लिया है. कुलदीप के परिवार में मां और चार भाई हैं. चयन होने पर ईंट भट्टे के साथी मजदूर भी बेहद खुश हैं. 


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