बस्ती. यूपी के दो जिले बस्ती व अयोध्या के सीमा विवाद के कारण माझा इलाके का पुल काम काम कई सालों से रुका हुआ है. पुल का काम रुकने की वजह से करीब दो दर्जन गांव के विकास की रफ्तार रुक गई है. करोड़ों की लागत से बना पुल सीमा विवाद के कारण नहीं बन पाया है. प्रशासन भी इस समस्या का निदान करा पाने में असमर्थ है. वहीं स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर बारिश से पहले पुल नहीं बना तो उनके लिए आवागमन का संकट खड़ा हो जाएगा. फिलहाल जिलाधिकारी सौम्य अग्रवाल ने निरीक्षण कर जल्द समस्या सुलझाने की बात कही है.


बताते चले की बस्ती जनपद के घाघरा नदी के किनारे माझा क्षेत्र में करीब दो दर्जन गांव बसे हुए है. गांवों की आबादी लगभग 20 हजार से ऊपर है. इस इलाके के लोगों को बाढ़ के समय में घाघरा नदी को नाव से पार करना पड़ता था.


गांववालों का कहना है कि जिला मुख्यालय, शहर-बाजार व पढ़ाई लिखाई के साथ ही दवा-इलाज के लिये उन्हें कई किलोमीटर की यात्रा पैदल तैय करनी पड़ती है. ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों के काफी प्रयास के बाद नदी के ऊपर पक्के पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ. पुल तो बनकर तैयार हो गया, लेकिन दो जनपदों के सीमा विवाद के चलते पुल का एप्रोच अभी तक ना बनने के कारणों से उस पर आवागमन आज भी शुरु नहीं हो पाया है.


सात साल से जारी है काम
बता दें कि तकरीबन 6 करोड़ की लागत से वर्ष 2014 से पुल का निर्माण कार्य शुरु हुआ था. पिछले वर्ष यानी वर्ष 2020 में पुल बनकर तैयार हो गया, लेकिन एप्रोच नहीं बन सका. किसी प्रकार लोग पैदल, साइकल व दो पहिया वाहनों से आते-जाते रहे, मगर बारिश के दौरान लोगों को आने-जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. डीएम बस्ती सौम्या अग्रवाल ने आश्वासन दिया कि बरसात आने के पहले इस पुल का एप्रोच बनकर तैयार कर लिया जायेगा. इस बार माझा के लोगों को बाढ़ में परेशानियां नही झेलनी पड़ेंगी.


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