Brij Bhushan Sharan Singh: पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के बीच रविवार को दिल्ली पुलिस की एसआईटी टीम (SIT) ने बीजेपी (BJP) सांसद व भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के करीबियों से पूछताछ की. एसआईटी की टीम गोंडा के विष्हनोरपुर गांव पहुंची और पूछताछ के बाद दिल्ली लौट गई. वहीं अगले दिन बीजेपी सांसद भी दिल्ली रवाना हो गए वो इन दिनों अपने अशोका रोड स्थित अपने सरकारी आवास पर हैं.


वहीं दूसरी तरफ अयोध्या की जनचेतना रैली के रद्द होने के बाद अब आगामी 11 जून को उनके संसदीय क्षेत्र कैसरगंज में एक बड़ी जनसभा होने जा रही है. जिसमें वो अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करेंगे. कहा जा रहा है कि मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने के अवसर पर बृजभूषण शरण सिंह ये विशाल रैली कर रहे हैं. जिसमें 11 लाख लोगों की भीड़ जुटने की उम्मीद लगाई जा रहा है, हालांकि हकीकत ये है कि वो इस रैली के जरिए अपनी ताकत को दिखाने की कोशिश करेंगे. 


बृजभूषण शरण सिंह के निजी सचिव का दावा
दिल्ली पुलिस की जांच के बीच बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के निजी सचिव संजीव सिंह ने एबीपी गंगा से बात की और कहा कि बीजेपी सांसद बेगुनाह हैं. संजीव सिंह ने कहा, महिला पहलवानों द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं उसमें बेगुनाही के हमारे पास सारे सबूत मौजूद हैं. अगर हमारे पास जबरदस्त सबूत ना होते तो आज कुछ प्रणाम अलग ही होता सारे बेगुनाही के सबूत दिल्ली पुलिस और सर्वोच्च न्यायालय जमा कर दिए गए हैं. आगे क्या करना है यह जांच टीम व न्यायालय पर सबकी निगाहें बनी हुई है. खाप पंचायत के पीछे कांग्रेस खड़ी हुई है. 


बृजभूषण शरण सिंह के निजी सचिव ने कहा, जनचेतना रैली ऐसे मुद्दे पर बुलाई गई थी जिस मुद्दे पर इस समय जरूरत है और वह संतो के द्वारा बुलाई गई थी. कठोर कानून किसी भी अपराध को रोकने के लिए बने यह बात संत भी कहते हैं, लेकिन कठोर कानून का दुरुपयोग कर कोई आदमी किसी पर नाजायज मिथ्या आरोप लगाकर उसका फायदा उठाएं इसको भी रोकने का विचार होना चाहिए और ये काम बीजेपी सरकार मोदी जी के नेतृत्व में ही कर सकती है. क्योंकि जिन कामों को आजादी के बाद कोई दूसरी सरकार नहीं कर पाई उन्हें मोदी सरकार ने पूरा किया. लोगों को भरोसा है कि आज की सरकार इन मुद्दों पर विचार सकती है. 


खाप पंचायतों पर लगाया आरोप
खाप पंचायत का लगातार महिला पहलवानों के समर्थन पर संजीव सिंह ने कहा कि खाप पंचायतों के पास कोई मुद्दा पहले भी नहीं था. मोदी जी कृषि कानून लाए थे, किसानों की आय दोगुना करना चाहते थे. खाप पंचायतों ने कांग्रेस के इशारे पर एक अच्छे कानून को वापस करने का दबाव बनाया. खाप पंचायतों का कोई मुद्दा नहीं है मुद्दा सिर्फ खाप पंचायत के पीछे खड़ी हुई कांग्रेस पार्टी का है और जब चुनाव नजदीक आता है तो वह खाप पंचायतों का उपयोग करके बीजेपी और मोदी के खिलाफ एक हवा तैयार करने का काम करते हैं. 2014 और 2019 में भी कांग्रेस की हवा निकल गई और 2017 व 2022 में योगी जी ने टायर पंचर कर दिया. 2024 में भी कांग्रेस के टायर कोई हवा नहीं रहेगी. 


महिला पहलवानों ने 16-17 अक्टूबर 2017 को लेकर जो आरोप लगाया है उस दिन क्या बीजेपी सांसद अपने संसदीय क्षेत्र कैसरगंज में किसी कार्यक्रम में थे. इस सवाल पर निजी सचिव ने कहा कि इस मामले में जांच की जा रही है. हमारे पास जो भी सबूत थे वो एजेंसियों को दिए जा चुके हैं. जांच एजेंसी उस पर क्या निर्णय लेती है ये जांच एजेंसियां ही बता पाएंगी. सबूत हमारे पास है अगर मेरे पास सबूत ना होता तो शायद इसका प्रणाम आपको और दिखता. आज उनकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए कुछ लोग उनका विरोध कर रहे हैं, लेकिन करोड़ों लोग उनके साथ हैं ये नहीं भूलना चाहिए. 


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