पीलीभीत. होम साइंस में बीएससी कर रही पीलीभीत जिले की आकांक्षा अग्रवाल की आज हर तारीफ हो रही है. आकांक्षा की तारीफ की वजह है उनका वो फैसला जिसके बाद वो गोल्ड मेडल की हकदार बन गई है. शहर के नामचीन इस्टीट्यूट में पढ़ रही आकांक्षा परीक्षा में आए कम नंबर और प्रतिशत से खुश नहीं थी. शक होने पर उसने कॉपी रीचेकिंग की अपील की. री चेकिंग के बाद जो हुआ आकांक्षा के लिए वो चौंकाने वाला नहीं था. क्योंकि आकांक्षा को पूरा भरोसा था कि उसे उसकी मेहनत के मुताबिक, नंबर नहीं मिले थे.


गोल्ड मेडल की हकदार बनी आकांक्षा
कॉपी री चेकिंग के बाद आकांक्षा के नंबरों में 49 अंकों की बढ़ोतरी हो गई. साधारण अंक पाने वाली छात्रा अब गोल्ड मेडल की हकदार हो गई है. आकांक्षा को फाइनल रिजल्ट में कुल 2187 नंबर मिले थे. 49 नंबर की बढ़ोतरी के बाद उसके 2236 अंक हो गए हैं.


दरअसल, परीक्षा में मिले नंबरों से वो काफी निराश हो गई थी. जिसके बाद परिजनों के सुझाव के बाद कॉलेज प्रशासन के सामने अपनी बात रखी. कॉलेज प्रशासन ने कम नंबर वाली उत्तर पुस्तिकाओं का इवैल्यूएशन करवाया गया तो वो गोल्ड मेडल की हकदार बन गई. आकांक्षा के परिजनों सहित कॉलेज प्रबंधन ने उसे बधाई दी है.


क्या बोली आकांक्षा
आकांक्षा ने बताया कि मैने फाइनल ईयर के पेपर दिए थे, जिसमे मेरे अनुमान के हिसाब से कम नंबर मिले. तीन विषयों में कॉपियों की री चेकिंग कराने के बाद मेरे 49 नम्बर बढ़े, जिसके बाद मैं गोल्ड मेडल की हकदार बनी. इसके लिए मैं अपने कॉलेज प्रसाशन का धन्यवाद देना चाहती हूं जिन्होंने मुझे चैलेंज इवैल्यूएशन करवा कर मेरी मदद की और मुझे टॉपर बनाया.


बहरहाल, कॉपी चेकिंग के दौरान शिक्षकों की लापरवाही पर अब सवाल उठने लगे हैं. शिक्षकों की लापरवाही छात्रों के भविष्य पर भारी पड़ सकती है.


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