UP Politics: देश के दो राज्यों गुजरात (Gujarat Assembly Elections) और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव (HP Assembly Elections) होने वाले हैं. इससे पहले एक बार फिर चुनावी बॉन्ड और फंडिंग को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है. वहीं बसपा (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने इसपर एक आंकड़ा देते हुए बीजेपी (BJP) पर बड़े आरोप लगाए हैं. मायावती ने ये आरोप ट्विटर (Twitter) पर एक ट्वीट के जरिए लगाया है.
मायावती ने रविवार को ट्वीट कर लिखा, "चुनाव को प्रभावित करने के लिए जनता की नजर से अज्ञात श्रोतों से प्राप्त अकूत धन का इस्तेमाल कितना उचित? ताजा आंकड़े बताते हैं कि गुजरात व हिमाचल विधानसभा आमचुनाव से पहले चुनावी बांड की गुप्त फण्डिंग की मार्फत 545 करोड़ रुपये के चन्दे दिए गए हैं. यह धन कहां जा रहा है?"
यूनिफार्म सिविल कोड पर भी दिया बयान
हालांकि बात यहीं खत्म नहीं होती, बसपा प्रमुख ने ट्विटर पर ट्वीट के जरिए यूनिफार्म सिविल कोड पर कहा, "यूपी व अन्य राज्यों में भी रोजगार व विकास के बजाय बीजेपी द्वारा विवादित एवं विभाजनकारी मुद्दों की तरह समान नागरिक संहिता को चुनावी मुद्दा बनाना खास बात नहीं, किन्तु गुजरात में इसको चुनावी मुद्दा बनाने से इस आमचर्चा को बल मिलता है कि वहां बीजेपी की हालत वास्तव में ठीक नहीं है."
मायावती ने आगे कहा, "जबकि केन्द्र ने अभी हाल में स्वंय माननीय सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यूनिफार्म सिविल कोड के मामले पर कोई निर्णय अभी न किया जाए क्योंकि इसे वह 22वें लॉ कमीशन को सौंपेगी, तो फिर गुजरात विधानसभा चुनाव में ऐसा क्या होने जा रहा है जिससे बीजेपी विचलित है व झुक रही है."
उन्होंने बीते दिनों में यूपी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है. गैर-मान्यता प्राप्त के सर्वे पर कहा था, "यूपी सरकार द्वारा विशेष टीम गठित करके लोगों के चन्दों पर आश्रित प्राइवेट मदरसों के बहुचर्चित सर्वे का काम पूरा, जिसके अनुसार 7,500 से अधिक ’गैर-मान्यता प्राप्त’ मदरसे गरीब बच्चों को तालीम देने में लगे हैं. ये गैरसरकारी मदरसे सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते तो फिर इनमें दखल क्यों?"