Independence Day 2023: स्वतंत्रता दिवस की मायावती ने लोगों को दी बधाई, जानिए खास मौके पर सरकार से क्या की अपील?
UP News: बसपा प्रमुख मायावती ने 'मानवतावादी संविधान' के लिए डॉ. भीमराव आंबेडकर की सराहना की. उन्होंने कहा कि आज भी भीमराव आंबेडकर का संविधान दुनिया भर में सराहा जाता है
Happy Independence Day 2023: भारत आजादी का 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. आजादी के जश्न में पूरा देश डूबा हुआ है. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक तिरंगे झंडे की आन बान शान दिखाई दी. खास मौके पर जगह-जगह देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. राजनेताओं की तरफ से लोगों को स्वतंत्रता दिवस पर बधाई संदेश दिए जा रहे हैं. बसपा प्रमुख मायावती (BSP Chief Mayawati) ने भी 77वें स्वतंत्रता दिवस की लोगों को शुभकामनाएं दी हैं.
स्वतंत्रता दिवस की मायावती ने दी बधाई
मायावती ने सरकार से 'शांति, सद्भाव, तनाव मुक्त और सुविधायुक्त जीवन देने' का आग्रह किया. मायावती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर किये एक पोस्ट में कहा, ‘‘देश और दुनियाभर में रहने वाले सभी भारतीय भाइयों और बहनों को 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जबकि हर कोई अपनी जरूरतों को पूरा करने और अपने जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश में व्यस्त है, सरकार के लिए उन्हें शांति, सद्भाव, तनाव मुक्त और सुविधायुक्त जीवन देना बहुत महत्वपूर्ण है.’’
1. देश व दुनिया भर में रहने वाले सभी भारतीय भाई-बहनों को आज 77वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं। हर कोई पेट पालने तथा अपना व अपने परिवार का जीवन बेहतर बनाने में व्यस्त। ऐसे में सरकार द्वारा उन्हें शान्ति, सदभाव, तनावमुक्त व सुविधायुक्त जीवन देना अति-आवश्यक।
— Mayawati (@Mayawati) August 15, 2023
खास मौके पर सरकार से क्या की अपील?
बसपा प्रमुख मायावती ने 'मानवतावादी संविधान' के लिए डॉ. भीमराव आंबेडकर की सराहना की. उन्होंने कहा कि आज भी भीमराव आंबेडकर का संविधान दुनिया भर में सराहा जाता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘...लेकिन भारत अत्यधिक गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन, अमीर और गरीब के बीच भारी आय अंतर और रुपये के अवमूल्यन आदि से अभिशप्त है. ऐसे अभिशप्त जीवन से लोगों की मुक्ति अब बहुत जरूरी है.’’ मायावती ने कहा कि लोगों के लिए सच्ची स्वतंत्रता की स्थापना तभी होगी जब भारत में ‘‘न केवल राजनीतिक लोकतंत्र बल्कि जमीनी स्तर पर सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र भी हो.’’