Lucknow News: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने आज रविवार (10 दिसंबर) लखनऊ स्थित अपने कार्यालय में पार्टी पदाधिकारी के बीच आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. 6 साल पहले पार्टी में सक्रिय हुए आकाश आनंद मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. आकाश आनंद को मायावती ने साल 2017 में एक रैली में सबसे रूबरू कराया था. इसके बाद से आकाश आनंद लगातार अलग-अलग चुनावों में सक्रिय रहे. यूपी विधानसभा के साल 2017 चुनाव से शुरू हुई सक्रियता 2019 के लोकसभा चुनाव में भी दिखी. तो वहीं यूपी के 2022 के विधानसभा चुनाव में भी वो काफी एक्टिव दिखे. पिछले दिनों हुए अलग-अलग राज्यों के चुनाव में भी आकाश आनंद के सिर पर पार्टी की काफी जिम्मेदारियां थीं लेकिन उनकी इस सक्रियता का फायदा कुछ खास बहुजन समाज पार्टी को नहीं मिल पाया.
कौन हैं आकाश आनंद
आकाश आनंद आज बसपा के उत्तराधिकारी घोषित होने के पहले बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक रहे हैं. आकाश मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. उन्होंने लंदन से एमबीए की डिग्री हासिल की है और साल 2017 में मायावती ने एक रैली में आकाश को लॉन्च किया था और पार्टी गतीविधियों में सक्रिय होने के संकेत दिए थे. आकाश की पिछले दिनों प्रज्ञा से शादी हुई थी. प्रज्ञा बीएसपी नेता अशोक सिद्धार्थ की बेटी हैं. आकाश सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं. उनके ट्विटर पर करीब 2 लाख फॉलोवर हैं, फेसबुक पर 52 हजार फॉलोवर हैं तो वहीं इंस्टाग्राम पर 37 हजार से ज्यादा फॉलोवर हैं.
भाई को छोड़ भतीजे को सौंपी जिम्मेदारी
मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को छोड़ अपने भतीजे आकाश आनंद को आज एक बड़ी जिम्मेदारी दी. मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी का उत्तराधिकारी बनाया. हालांकि आकाश आनंद जब से लांच हुए हैं तब से कोई जादूई करिश्मा नहीं कर पाए हैं पर देखना होगा कि अब इस बड़ी जिम्मेदारी के बाद आकाश आनंद क्या करिश्मा कर पाते हैं. क्या उत्तर प्रदेश में जो पार्टी चार बार सत्ता के सिंहासन पर रही है उस पार्टी के मौजूदा एक विधायक की स्थिति से क्या आने वाले दिनों में पार्टी को आगे बढ़ा पाते हैं.
क्या बहन जी की तरह ही चलाएंगे पार्टी?
आकाश आनंद के उत्तराधिकारी घोषित होने के बाद एक सवाल और पॉलिटिकल पंडितों के मन में खड़ा हो रहा है. क्या आकाश आनंद अपनी पुरानी परिपाटी के तहत एक कमरे से ही पूरी पार्टी चलाएंगे जिस तरीके से मायावती चलाती हैं या फिर आकाश आनंद को संघर्ष करते हुए भी देखा जाएगा. बहुजन समाज पार्टी अमूमन किसी भी समय सड़क पर संघर्ष करते हुए नहीं दिखाई देती है उस कड़ी में क्या आकाश आनंद जो युवा जोश से भरे हैं. अपनी पार्टी की पुरानी परिपाटी को तोड़कर सड़कों पर अपनी और अपने कार्यकर्ताओं की मौजूदगी दर्ज कराएंगे या बसपा के कार्यकर्ता अपने नेता से मिलने के लिए उनके दफ्तर में ही अपॉइंटमेंट लेने के लिए दौड़ेंगे. लोगों के मन में यह भी सवाल है कि क्या आकाश आनंद बंद कमरे से ही पार्टी चलाएंगे जनता से भी मुलाकात करेंगे?
क्या चंद्रशेखर और अखिलेश से था मायावती को डर ?
आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बनाने के पीछे वरिष्ठ पत्रकार बृजेश सिंह कहते हैं कि मायावती को एक युवा चेहरा चाहिए था. जो चंद्रशेखर और अखिलेश के युवा नेतृत्व की छवि के सामने बसपा के कैडर को भी एक युवा नेतृत्व दे पाए. लगातार चंद्रशेखर की बढ़ रही लोकप्रियता और अखिलेश यादव की युवा शक्ति के सामने अब बसपा को भी एक यूथ की जरूरत थी और आकाश आनंद का नाम सामने लाकर अपने कैडर को युवा नेतृत्व देने की कवायद की है बसपा ने. आकाश को कमान देकर युवाओ को लुभाने की कोशिश करेगी बसपा.