Uttarakhand News: उत्तराखंड स्थित हल्द्वानी (Haldwani) जिले के बनभूलपुरा (Banbhoolpura) के निवासियों ने शहर में रेलवे (Railway) की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने संबंधी जल्द में आए हाई कोर्ट (High Court) के फैसले के मामला तूल पकड़ते जा रहा है. हाईकोर्ट के आदेश यहां पर करीब 4365 घरों पर संकट मड़रा रहा है. इस बीच बीएसपी (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने पहली प्रतिक्रिया दी है.
मायावती ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, "उत्तराखण्ड स्टेट के हल्द्वानी में बर्फीले मौसम में ही अतिक्रमण हटाने के नाम पर हजारों गरीब व मुस्लिम परिवारों को उजाड़ने का अमानवीय कार्य अति-दुःखद. सरकार का काम लोगों को बसाना है, न कि उजाड़ना. सरकार इस मामले में जरूर सकारात्मक कदम उठाये, बीएसपी की यह मांग."
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सपा प्रतिनिधिमंडल भी जाएगा
वहीं दूसरी ओर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी हल्द्वानी में पार्टी का प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है. प्रतिनिधिमंडल में सांसद एसटी हसन, पूर्व मंत्री और विधायक अताउर हसन, पूर्व सांसद वीरपाल सिंह, सपा नेता एसके राय, पूर्व विधायक अरशद खान, उत्तराखंड के प्रदेश प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी, प्रमुख महासचिव सोएब अहमद सिद्दीकी, प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश परिहार, पंजाब प्रदेश प्रभारी कुलदीप सिंह भुल्लर और पूर्व विधायक सुल्तान बेग शामिल हैं. ये प्रतिनिधिमंडल चार जनवरी को हल्द्वानी जाएगा.
वहीं हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है. कांग्रेस सचिव काजी निजामुद्दीन ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा है कि हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश के नेतृत्व में क्षेत्र के निवासियों ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी अनुरोध किया है कि वे अतिक्रमण हटाने संबंधी इस आदेश पर मानवीय तरीके से विचार करें, क्योंकि ऐसा होने पर 4,500 लोग बेघर हो जाएंगे.