विधानसभा उपचुनाव की तैयारी में जुटी बसपा, दलित-मुस्लिम फार्मूले पर रहेगी नजर
मायावती अब दलित-मुस्लिम सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूला पर आगे बढ़ रही हैं। इसका असर विधानसभा उपचुनाव में ही दिख जाएगा।
लखनऊ, एबीपी गंगा। लोकसभा चुनाव 2019 में धुर विरोधी समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने वाली बहुजन समाज पार्टी की निगाह अब विधानसभा उपचुनाव पर है। 12 सीट पर होने वाले उपचुनाव में बसपा अकेले मैदान में उतर रही है। इसके लिए बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने मंडल की बैठक में सभी को चुनाव में अपना श्रेष्ठ देने का निर्देश दिया।
कार्यकर्ता उपचुनाव की तैयारी में जुट जाएं
बहुजन समाज पाटी के नौ मंडल के नेताओं के साथ बैठक के बाद बसपा मुखिया मायावती ने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के नाम संदेश जारी किया। मायावती ने कहा कि बूथ लेवल पर कमेटी की समीक्षा की जाए। कार्यकर्ता उपचुनाव की तैयारी में जुट जाएं।
दलित-मुस्लिम सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला
मायावती अब दलित-मुस्लिम सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूला पर आगे बढ़ रही हैं। इसका असर विधानसभा उपचुनाव में ही दिख जाएगा। मायावती अब पार्टी में दलितों के साथ ही मुस्लिमों की भागीदारी भी बढ़ाएंगी। विधानसभा उपचुनाव में उनकी रणनीति दलित-मुस्लिम ताकत को धार देने की है। यही वजह है कि उन्होंने मुस्लिमों को कम टिकट देने का आरोप अखिलेश पर लगाया तो वहीं गठबंधन को मिली हार के लिए अखिलेश सरकार में हुए दलित विरोधी कार्य व प्रमोशन में आरक्षण के विरोध को जिम्मेदार ठहरा दिया।
2022 की तैयारी
मायावती अभी से 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं। लखनऊ में हाल ही में बसपा की अखिल भारतीय बैठक में मायावती ने अखिलेश यादव पर मुस्लिमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा था कि सपा ने ज्यादा मुस्लिम प्रत्याशी उतारने से मना किया था। इसके साथ ही मायावती ने यह भी जाता दिया कि अखिलेश यादव के विरोध के बावजूद उन्होंने छह मुस्लिमों को टिकट दिया। इनकी सहयोगी समाजवादी पार्टी ने चार मुस्लिमों को टिकट दिया था। दोनों पार्टी से तीन-तीन मुस्लिम सांसद बने।
संगठन में बड़ा बदलाव
लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों के बाद बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने पार्टी के संगठन में बड़ा बदलाव किया है। 12 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले तीन मंडलों को मिलाकर एक जोन बनाया गया है। मंडल प्रमुख अब जोन प्रभारी के रूप में काम करेंगे, जबकि मंडल कोऑर्डिनेटर अब मुख्य जोन प्रभारी के रूप में काम करेंगे।