(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
आकाश आनंद का वो बयान जिस पर मायावती ने उन्हें कर दिया 'खामोश', बीच चुनाव हुए साइलेंट
UP Lok Sabha Election 2024: मायावती के भतीजे आकाश आनंद पर हुए एक्शन की चर्चा तेज होते जा रही है. अब उनके उस अंतिम बयान को याद किया जा रहा है, जिसके बाद वह मंच पर नजर नहीं आए.
Lok Sabha Election 2024: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को दोनों महत्वपूर्ण पदों से हटा दिया है. आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर और बसपा प्रमुख मायावती की उत्तराधिकारी घोषित किया गया था. उन्होंने इसकी जानकारी सोशल मीडिया के जरिए दी है.
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान आकाश आनंद की चर्चा और उनपर एक्शन सीतापुर में दिए गए एक बयान के बाद शुरू हो गया था. सीतापुर में बसपा प्रत्याशी महेंद्र यादव के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए बसपा के राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर आकाश आनंद ने भाजपा को लेकर विवादास्पद बयान दिया था.
आतंकवादियों की सरकार वाला बयान
उन्होंने करारा हमला बोलते हुए कहा था कि भाजपा की सरकार बुलडोजर की सरकार नहीं, आतंकवादियों की सरकार है. इस सरकार ने मुल्क की आवाम को गुलाम बनाकर रखा है. अब समय आ गया है कि इस सरकार को हटाकर मायावती को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट करें.
उन्होंने आगे कहा था, "अगर चुनाव आयोग को लगता है कि मैंने इस सरकार की तुलना आतंकवादियों से करके गलत किया हैं तो वो जमीन पर उतरकर देखें. गांव-गांव जाकर पता करें कि हमारी बहन-बेटियां, युवा और आवाम कैसे जी रही हैं. वह खुद समझ जाएंगे कि जो मैंने कहा वो गलत नहीं बिल्कुल सत्य है."
दर्ज हुई एफआईआर
बीजेपी सरकार को आतंकवादी करार देने को लेकर बीजेपी ने आकाश आनंद के खिलाफ सीतापुर में एफआईआर दर्ज कराई थी. हिंसा के लिए उकसाने और भाषण में भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल के मामले में आकाश आनंद के खिलाफ कोतवाली में केस दर्ज किया गया था.
सीतापुर के पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र ने बताया था कि थाना कोतवाली नगर क्षेत्र के अंतर्गत चुनावी रैली में आचार संहिता उल्लंघन के मामले में आकाश आनंद समेत पांच बसपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. आईपीसी की धारा 171सी, 153बी, 188, 502(2) और आरपी एक्ट की धारा 125 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. आगे की वैधानिक कार्रवाई की जा रही है. आकाश आनंद पर ये पहला आपराधिक केस दर्ज किया गया था.
लेकिन इसके बाद ही आकाश आनंद का कद कम होने लगा. इस रैली के बाद उनकी चुनाव के दौरान होने वाली सभी रैलियों को रद्द कर दिया गया. अब उन्हें न केवल बीएसपी के नेशनल कोऑर्डिनेटर बल्कि मायावती के उत्तराधिकारी के पद से भी हटा दिया गया है.