UP News: द‍िल्‍ली विश्वविद्यालय में मनुस्‍मृत‍ि पढ़ाने के प्रस्ताव को वाइस चांसलर (VC) ने खार‍िज कर दिया है. डीयू की लॉ फैकल्टी का अपने फर्स्ट और थर्ड ईयर के छात्रों को 'मनुस्मृति' पढ़ाने का प्‍लान था, हालांकि इसका बहुत तेज विरोध हुआ और इस प्रस्ताव को रद्द किया गया. वहीं अब इस मामले पर बसपा सुप्रीमो मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई है.


पूर्व सीएम मायावती ने अपने एक्स पर लिखा-"भारतीय संविधान के मान-सम्मान व मर्यादा तथा इसके समतामूलक एवं कल्याणकारी उद्देश्यों के विरुद्ध जाकर दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि विभाग में मनुस्मृति पढ़ाए जाने के प्रस्ताव का तीव्र विरोध स्वाभाविक तथा इस प्रस्ताव को रद्द किए जाने का फैसला स्वागत योग्य कदम. परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने खासकर उपेक्षितों व महिलाओं के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के साथ ही मानवतावाद एवं धर्मनिरपेक्षता को मूल में रखकर सर्व स्वीकार भारतीय संविधान की संरचना की, जो मनुस्मृति से कतई मेल नहीं खाता है. अतः ऐसा कोई प्रयास कतई उचित नहीं."




वहीं इससे पहले कांग्रेस ने डीयू में एलएलबी छात्रों को ‘मनुस्मृति’ पढ़ाने के प्रस्ताव को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ये सब संविधान और बाबसाहेब भीमराव आंबेडकर की विरासत पर हमला करने के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रयास को अंजाम तक पहुंचाने की चाल का हिस्सा है.


बता दें कि डीयू के विधि संकाय ने अपने प्रथम और तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों को ‘मनुस्मृति’ पढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम में संशोधन करने के वास्ते दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था से मंजूरी मांगी थी. इसका शिक्षकों के एक वर्ग ने आलोचना की है. हालांकि काफी विरोध के चलते डीयू कुलपति ने एक वीडियो जारी कर कहा कि काफी विचार के बाद विधि संकाय के इस प्रस्ताव को खारिज़ किया गया है.


एजेंसी इनपुट के साथ


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