Mayawati News: एससी एसटी आरक्षण में सब कैटेगरी बनाने के फैसले के विरोध में 21 अगस्त को हुए भारत बंद के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने प्रतिक्रिया दी है. 


बसपा चीफ ने कहा कि- सुप्रीम कोर्ट के SC/ST आरक्षण के वर्गीकरण व क्रीमीलेयर के निर्णय से उत्पन्न रोष को लेकर कल हुए भारत बंद में बीएसपी की प्रभावी भागीदारी एवं एकजुटता की अपील से इसके सफल होने की सभी को बधाई, किन्तु कांग्रेस-सपा आदि के इसके प्रति उदासीन रवैये से इनकी जातिवादी सोच प्रमाणित.


युूपी की पूर्व सीएम ने कहा- कल बंद के दौरान पटना/बिहार में निर्दोष लोगों पर पुलिस की हुई लाठीचार्ज/बर्बरता अति-दुखद व निन्दनीय. सरकार दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करे. साथ ही, केन्द्र सरकार ’भारत बंद’ के आयोजन के मद्देनजर आरक्षण के मुद्दे की संवेदनशीलता को गंभीरता से लेकर इसका शीघ्र उचित समाधान भी करे.


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उन्होंने कहा कि देश में करोड़ों SC/ST वर्गों को आरक्षण के उनके हक को निष्क्रिय/निष्प्रभावी बनाकर अन्ततः उसे खत्म करने की सपा, कांग्रेस व भाजपा आदि के षडयंत्रों से ये लोग कितने अधिक आक्रोशित हैं यह कल के भारत बंद से साबित है. आगे भी उन्हें यह लड़ाई खुद ही अपने बल पर लड़नी होगी तभी सही सफलता.


बसपा ने किया था समर्थन
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर बुधवार को किए गए 'भारत बंद' के आह्वान का समर्थन किया था. 


बसपा अध्यक्ष मायावती ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, था 'बसपा भारत बंद के आह्वान का समर्थन करती है, क्योंकि भाजपा, कांग्रेस और अन्य पार्टियों के आरक्षण विरोधी षड्यंत्र तथा इसे निष्प्रभावी बनाकर अंततः खत्म करने की मिलीभगत के कारण एक अगस्त 2024 को एससी-एसटी के उपवर्गीकरण में क्रीमी लेयर से संबंधित उच्चतम न्यायालय के निर्णय के खिलाफ दोनों समुदायों में भारी रोष व आक्रोश है.' 


उन्होंने कहा था, 'इसे लेकर इन वर्गों के लोगों द्वारा आज ’भारत बंद’ के तहत सरकार को ज्ञापन देकर संविधान संशोधन के जरिये आरक्षण में हुए बदलाव को खत्म करने की मांग की जाएगी, जिसे बिना किसी हिंसा के अनुशासित व शांतिपूर्ण तरीके से किए जाने की अपील है.' 


मायावती ने लिखा था, 'एससी-एसटी के साथ ही ओबीसी (अन्य पिछड़े वर्ग) समाज को भी मिला आरक्षण का संवैधानिक हक इन वर्गों के सच्चे मसीहा बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के अनवरत संघर्ष का परिणाम है, जिसकी अनिवार्यता व संवेदनशीलता को भाजपा, कांग्रेस व अन्य पार्टियां समझकर इसके साथ कोई खिलवाड़ न करें.'