India Name Change Controversy: लोकसभा चुनाव से पहले देश का नाम बदलने को लेकर सियासत तेज हो गई. सत्ता पक्ष और विरोधी दलों के बीच इंडिया नाम को लेकर एक दूसरे पर तीखे हमले किया जा रहे हैं. जहां सत्ता पक्ष के कई नेता इसे गुलामी की मानसिकता का प्रतीक बता रहे हैं तो वहीं विरोधी दल इसे 'इंडिया' गठबंधन का डर बता रहे हैं. इंडिया नाम पर छिड़े विवाद के बीच बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) की भी प्रतिक्रिया सामने आई है, उन्होंने एक ऐसा दावा कर दिया है, जिससे एक नई बहस छिड़ गई है.


बसपा सुप्रीमो मायावती ने देश का नाम बदलने को लेकर छिड़े विवाद को लेकर मोदी सरकार और विपक्षी दलों को ही आड़े हाथों लिया और इसे सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों की मिलीभगत बताया है. मायावती ने इस बात की भी आशंका जताई कि देश का संविधान बदलने के लिए हो सकता है कि मोदी सरकार और विरोध दलों की ये आपसी साठ गांठ हो. उन्होंने कहा कि इंडिया नाम पर बहस एक सोची समझी रणनीति हो सकती है. 


बसपा सुप्रीमो ने किया ये दावा


बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि "देश के नाम को लेकर अपने संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का मौका, बीजेपी के एनडीए को या खुद विपक्ष ने एक सोची समझी रणनीति के तहत अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखकर इनको दिया है. या फिर ये कहा जाए कि ये सब सत्ता पक्ष या विपक्ष की अंदरूनी मिलीभगत के साथ हो रहा है इसकी भी आशंका है. ये भी एक आम चर्चा है. जिसकी जितनी निंदा की जाए वो कम है." उन्होने कहा कि "विपक्ष और सत्ता पक्ष द्वारा देश के नाम पर की जा रही संकीर्ण राजनीति करने से किसी को भी संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का मौका मिल जाएगा.''


मायावती ने कहा कि इन बहस की वजह से जनता का ध्यान मुख्य मुद्दों से हटाने की कोशिश की जा रही है. अगर बीजेपी को विपक्ष के गठबंधन के नाम से इतनी आपत्ति थी तो वो सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते थे. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए ताकि इस पर संकीर्ण राजनीति न हो सके.


Lok Sabha Election के लिए BSP ने बनाया फॉर्मूला, इन नेताओं को मिल सकता है टिकट, जल्द फाइनल होंगे नाम