Sengol in Parliament: 18वीं लोकसभा की शुरुआत के साथ ही सदन में सेंगोल को लेकर विवाद शुरू हो गया है. समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने संसद से सेंगोल को हटाने की मांग की है जिसके बाद इस पर सियासत गरमाई हुई है. इस विवाद पर अब बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. मायावती ने पार्टी नेताओं को सपा के हथकंडों से सावधान रहने को कहा है. 


सेंगोल को लेकर छिड़े विवाद पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी को फटकार लगाते हुए कहा कि इस तरह के मुद्दों के साथ सपा को कमजोर और उपेक्षित लोगों के हितों और आम जनहित के मुद्दों पर बोलना चाहिए. उन्होंने कहा कि सपा अक्सर आम जनता के मुद्दों पर चुप रहती है. 



सेंगोल पर मायावती ने दी प्रतिक्रिया
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर लिखा, 'सेंगोल को संसद में लगाना या नहीं, इस पर बोलने के साथ-साथ सपा के लिए यह बेहतर होता कि यह पार्टी देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों के हितों में तथा आम जनहित के मुद्दों को भी लेकर केन्द्र सरकार को घेरती. जबकि सच्चाई यह है कि यह पार्टी अधिकांश ऐसे मुद्दों पर चुप ही रहती है तथा सरकार में आकर कमजोर वर्गों के विरूद्ध फैसले भी लेती है. इनके महापुरूषों की भी उपेक्षा करती है. इस पार्टी के सभी हथकण्डों से जरूर सावधान रहें.'


आपको बता दें कि यूपी की मोहनलालगंज सीट से सपा सांसद आरके चौधरी ने प्रोटेम स्पीकर को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने संसद से सेंगोल का हटाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है जबकि हमारे देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था है. सपा सांसद ने कहा कि संसद में सेंगोल की जगह देश के संविधान की कॉपी लगानी चाहिए.   


सपा सांसद की इस मांग के बाद तमाम राजनीतिक दलों से इस पर प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं. जहां बीजेपी सेंगोल के समर्थन में उतर आई है तो वहीं विपक्षी दल सेंगोल को हटाने की मांग का समर्थन करते हुए दिखाई दे रहे हैं.


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