UP News: उत्तर प्रदेश में डिजिटल अटेंडेंस पर गुरुवार से सख्ती शुरू हो गई थी. तीन दिन ऑनलाइन अटेंडेंस न दर्ज कराने वालों का वेतन रोक दिया जाएगा. डिजिटल अटेंडेंस दर्ज न करने पर विभागीय आदेश की अवहेलना माना जाएगा. ऐसे में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस मामले में बीएसपी चीफ मायावती की प्रतिक्रिया आई है. 


मायावती ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया के जरिए अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने लिखा, 'उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ज़रूरी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव होने के कारण वहाँ बदहाली की शिकायतें आम रही हैं, जिस पर समुचित बजटीय प्रावधान करके उन गंभीर समस्याओं का उचित हल करने के बजाय सरकार उस पर से ध्यान बांटने के लिए केवल दिखावटी कार्य कर रही है, यह क्या उचित?'


बीएसपी चीफ ने आगे लिखा, 'शिक्षकों की डिजिटल हाज़िरी भी सरकार का ऐसा ही नया कदम लगता है जो जल्दबाजी में बिना पूरी तैयारी के ही थोप दिया गया है. इससे कहीं ज्यादा जरूरी है शिक्षकों की सही व समुचित संख्या में भर्ती के साथ ही बुनियादी सुविधाओं का विकास ताकि अच्छी गुणवत्ता वाली पढ़ाई सुनिश्चित हो सके.'


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बच्चों का भविष्य अंधकारमय- अखिलेश यादव
वहीं अखिलेश यादव ने कहा, 'शिक्षकों और बच्चों के अभिभावकों को जितनी जल्दी ये बात समझ आ जाएगी कि भाजपा सरकार शिक्षक और शिक्षा के ख़िलाफ़ है और भाजपा की वजह से परिवारवालों के बच्चों का भविष्य अंधकारमय है, उतनी ही जल्दी परिवर्तन के लिए ज़मीन बननी तैयार हो जाएगी.'


सपा प्रमुख ने कहा, 'भाजपा शिक्षकों और कर्मचारियों को विरोध का एक ऐसा आंदोलन शुरू करने के लिए बाध्य न करें जिससे हर क्षेत्र में ठहराव आ जाए. भाजपा अपनी हार का तो विश्लेषण करती है लेकिन शिक्षक और कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति हमेशा बेरुख़ी का नज़रिया अपनाती है. भाजपा की सरकार एक हृदयहीन सरकार है. जिसमें संवेदना न हो वो सरकार नहीं चाहिए.'