Lok Sabha Election 2024: मायावती के फैसले से याद आई अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव की हार, फिर बढ़ी मुसीबत
UP Lok Sabha Election 2024: बीएसपी चीफ मायावती ने रविवार को अपने फैसले से फिर आजमगढ़ उपचुनाव की याद ताजा कर दी है. उस उपचुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी निरहुआ ने जीत दर्ज की थी.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ से अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है. जबकि बीजेपी से मौजूदा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं बीएसपी ने रविवार को अपने प्रत्याशी का ऐलान करते हुए फिर से मुस्लिम चेहरे पर दांव खेल दिया है. बीएसपी ने सबीहा अंसारी को अपना प्रत्याशी बनाया है.
लेकिन बीएसपी चीफ मायावती के इस फैसले ने फिर से आजमगढ़ उपचुनाव की याद दिला दी है. तब यूपी विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ के सांसद अखिलेश यादव चुनाव लड़े और विधायक बन गए तो उन्होंने सांसद का पद छोड़ दिया. विधानसभा चुनाव के बाद आजमगढ़ में लोकसभा का उपचुनाव हुआ तो सपा को हार का सामना करना पड़ा था.
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गुड्डू जमाली की वजह से हार गए थे धर्मेंद्र यादव
तब अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव ही चुनावी मैदान में थे, उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी दिनेश लाल यादव ने हराया था. लेकिन इस हार और जीत में बीएसपी के प्रत्याशी गुड्डू जमाली किंग मेकर साबित हुए थे. हालांकि अब गुड्डू जमाली सपा में आ चुके हैं और वह एमएलसी चुन लिए गए हैं लेकिन अब मायावती ने उपचुनाव की तरह ही नया दांव चल कर सपा की मुसीबत बढ़ा दी है.
2022 के उपचुनाव में निरहुआ को 3,12,768 वोट मिले थे. जबकि धर्मेंद्र यादव को 3,04,089 वोट मिले और वह 8,679 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे. इस चुनाव में बीएसपी ने मुस्लिम प्रत्याशी के तौर पर गुड्डू जमाली को उम्मीदवार बनाया था. उन्हें चुनाव में 2,66,210 मिले थे और वह तीसरे नंबर पर रहे थे.
लेकिन अब मायावती के फैसले से फिर उसी उपचुनाव की याद ताजा हो गई है. मायावती ने मुस्लिम चेहरे के तौर पर सबीहा अंसारी को अपना उम्मीदवार बनाया है. यानी देखा जाए तो अगर मायावती की यह चाल सही साबित हुई तो सपा के लिए नई चुनौती खड़ी होगी. हालांकि ये चार जुन को ही पता चलेगा कि मायावती का यह फैसला किनता सही साबित होता है.