UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बीएसपी (BSP) के बीच जुबानी जंग बढ़ती जा रही है. अब अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बयानों पर पार्टी प्रमुख मायावती (Mayawati) ने पलटवार किया है. सपा प्रमुख ने दावा किया था, "इस बार बहुजन समाज को भरोसा है कि समाजवादी सबको जोड़कर बीजेपी का मुकाबला करेगी. अपने हक, सम्मान, अधिकार के लिए बहुजन समाज, समाजवादी पार्टी के साथ एकजुट हो रहा है.'' अब मायावती ने इसका जवाब दिया है. 


मायावती ने इसका जवाब देते हुए कहा, "सपा प्रमुख की मौजूदगी में ’मिले मुलायम-कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्रीराम’ नारे को लेकर रामचरित मानस विवाद वाले सपा नेता पर मुकदमा होने की खबर आज सुर्खि़यों में है. वास्तव में यूपी के विकास व जनहित के बजाय जातिवादी द्वेष एवं अनर्गल मुद्दों की राजनीति करना सपा का स्वभाव रहा है."



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सीएम बनने के बावजूद उनकी नीयत साफ नहीं
बीएसपी चीफ ने कहा, "और यह हकीकत लोगों के सामने बराबर आती रही है कि सन 1993 में मान्यवर श्री कांशीराम जी ने सपा-बसपा गठबंधन मिशनरी भावना के तहत बनाई थी, किन्तु श्री मुलायम सिंह यादव के गठबंधन का सीएम बनने के बावजूद उनकी नीयत पाक-साफ न होकर बसपा को बदनाम करने व दलित उत्पीड़न को जारी रखने की रही."


उन्होंने आगे कहा, "इसी क्रम में उस दौरान अयोध्या, श्रीराम मन्दिर व अपरकास्ट समाज आदि से सम्बंधित जिन नारों को प्रचारित किया गया था वे बीएसपी को बदनाम करने की सपा की शरारत व सोची-समझी साजिश थी. अतः सपा की ऐसी हरकतों से खासकर दलितों, अन्य पिछड़ों व मुस्लिम समाज को सावधान रहने की सख्त जरूरत."


इससे पहले अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा, "हम बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर और मान्यवर कांशीराम के रास्ते पर चलने वाले लोग हैं. हम बहुजन समाज में सेंध लगाने नहीं, बहुजन समाज को बांधने वाले हैं." इससे पहले अखिलेश यादव के बयान पर आकाश आनंद की एक प्रतिक्रिया आई थी.