UP News: केंद्र सरकार ने मंगलवार को देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को लेकर एक आंकड़ा जारी किया है. वहीं सरकार की तरफ से जारी किए गए इन आंकड़ों को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने चिंता जताई है और सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा-"चार वर्षों में कम के कम 6.4 प्रतिशत रह सकती है विकास दर. देश के अधिकतर अखबारों में यह आज प्रमुख खबर है, जिसको लेकर अगर कोई वास्तव में दुखी है तो वह देश के गरीब एवं मेहनतकश समाज के लाोग हैं जो अपनी बदहाल जिन्दगी जीने के बावजूद देश के बारे में कुछ भी अहित सुनने को तैयार नहीं.
पूर्व सीएम मायावती ने आगे लिखा-"विश्व बाजार में रुपये के लगातार घटते भाव से भले ही गरीबों का सीधा संबंध ना हो, फिर भी उससे वह खुश नहीं। सरकार को चाहिए कि उन करोड़ों लोगों की भावनाओं की कद्र करते हुए उनके 'अच्छे दिन' हेतु 24 घण्टे की संकीर्ण राजनीति को त्यागकर जन व देशहित की चिन्ताओं पर ध्यान केन्द्रित करे."
बता दें कि पिछले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी. मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान जारी करते हुए कहा कि वास्तविक जीडीपी के इस वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है.
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि का अस्थायी अनुमान 8.2 प्रतिशत रहने की बात कही गई है. एनएसओ का चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान से कम है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी के 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है.
(पीटीआई भाषा इनपुट के साथ)
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