2000 Rupee Currency Note: आरबीआई (RBI) द्वारा 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा किये जाने पर शुक्रवार को विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और बीजेपी (BJP) सरकार पर निशाना साधा है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बाद अब बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) की प्रतिक्रिया आई है. 


मायावती ने रविवार की सुबह इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "करेन्सी व उसकी विश्व बाजार में कीमत का सम्बंध देश का हित व प्रतिष्ठा से जुड़ा होने के कारण इसमें जल्दी-जल्दी बदलाव करना जनहित को सीधे तौर पर प्रभावित करता है. इसीलिए ऐसा करने से पहले इसके प्रभाव व परिणाम पर समुचित अध्ययन जरूरी. सरकार इस पर जरूर ध्यान दे."



जबकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है… 2000 रुपये के नोट के मामले में भी ऐसा ही हुआ है. लेकिन इसकी सज़ा इस देश की जनता और अर्थव्यवस्था ने भुगती है.” इसी ट्वीट में यादव ने कहा है, “शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है.”


आरबीआई की घोषणा
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट को सितंबर, 2023 के बाद चलन से बाहर करने की शुक्रवार को घोषणा की. इस मूल्य के नोट को बैंकों में 23 मई से बदला जा सकेगा. आरबीआई ने शुक्रवार की शाम को जारी एक बयान में कहा कि अभी चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे.


आरबीआई ने बैंकों को 30 सितंबर तक ये नोट जमा करने और बदलने की सुविधा देने को कहा है. बैंकों में 23 मई से 2,000 रुपये के नोट बदले जा सकेंगे. हालांकि एक बार में सिर्फ 20,000 रुपये मूल्य के नोट ही बदले जाएंगे. केन्द्रीय बैंक ने लोगों से बैंक जाकर 2,000 रुपये के नोट अपने खातों में जमा करने या दूसरे मूल्य के नोट से बदलने को कहा है. लोग किसी भी बैंक शाखा में जाकर 23 मई से 30 सितंबर तक इन नोट को बदल सकते हैं.