लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी यूपी में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में अपनी किस्मत आजमाने को तैयार है. बसपा सभी आठ विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. चूंकि राज्य में बदले हुये माहौल में सियासी समीकरण काफी हद तक बदल चुके हैं. आपको बता दें कि बसपा उपचुनाव में कभी भी अपना उम्मीदवार नहीं उतारती है, लेकिन पिछले विधानसभा उपचुनाव में पार्टी की जो स्थिति हुई थी, उसके बाद से पार्टी लगातार अपना जनाधार बचाने में लगी है. जिसके चलते वह उपचुनाव में भाग ले रही है.
इन आठ सीटों पर होने हैं चुनाव
सियासत के लिहाज से यूपी का हर चुनाव अहम होता है. प्रदेश में जिन आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, इनमें नौगावां सादात (अमरोहा), बुलंदशहर, टुंडला (फिरोजाबाद), स्वार (रामपुर), बांगरमऊ (उन्नाव), घाटमपुर (कानपुर देहात), मल्हनी (जौनपुर) और देवरिया सदर सीट शामिल हैं. आपको बता दें कि इन आठ सीटों में छह बीजेपी और दो सपा के हिस्से में थी. हालांकि राज्य की भाजपा सरकार पर इन उपचुनाव के नतीजों पर फर्क नहीं पड़ने वाला है, लेकिन आने विधानसभा चुनाव के लिये इन उपचुनाव में जीत किसी भी दल के लिये मनोवैज्ञानिक बढ़त होगी. पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा का प्रदर्शन बेहद खराब था.
ताकत आजमाएंगी पार्टियां
पार्टी इन चुनाव के जरिये अपनी सियासी ताकत का परीक्षण करना चाहती है इसके अलावा मतदाता का मूड भी भांपने का मौका मिलेगा. इसी वजह से बसपा ने उपचुनाव के मैदान में उतरने का एलान किया है. इन चुनावों में सपा, कांग्रेस भी मैदान में टक्कर देने के लिये तैयार हैं. पार्टी मुखिया अखिलेश याादव यूपी की हर घटना पर पैनी नजर रख रहे हैं. वहीं, कांग्रेस ने सभी आठों सीटों पर उम्मीदवारों के चयन के लिए एक कमेटी भी बुधवार को गठित की है.
रामपुर और जौनपुर की राह कठिन
कानपुर देहात की घाटमपुर विधानसभा सीट कमल रानी वरुण और अमरोहा की नौगांवा सादात सीट चेतन चौहन की मृत्यु के चलते खाली हो गई थी. दोनों ही योगी सरकार में मंत्री थे, यह नहीं कोरोना महामारी के चलते दोनों की मौत हो गई थी. भाजपा के लिये सबसे कठिन राह रामपुर की स्वार और जौनपुर की मल्हनी सीट के लिये रही है, ये दोनों ही सपा के कब्जे में थीं. रामपुर में आजम खान और जौनपुर में पारसनाथ यादव ने भाजपा उम्मीदवारों को यहां टिकने नहीं दिया है. पारसनाथ यादव के निधन की वजह से यह सीट खाली हुई है.
ये भी पढ़ें.
भारत-चीन सीमा विवाद: अखिलेश यादव बोले- जो गलती कांग्रेस ने की उसे बीजेपी को नहीं दोहराना चाहिए