यूपी में जंगलराज, कानून-व्यवस्था के मामले में सपा-बीजेपी में अंतर नहीं: मायावती
मायावती ने ट्वीट कर अलीगढ़ में कथित तौर पर बीजेपी विधायक की थाने में पिटाई के मामले में भी सरकार को आड़े हाथ लिया. साथ ही उन्होंने सरकार से इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर हमला बोला है. मायावती ने कहां कि यूपी में जंगलराज जैसी घटनाएं हो रही हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कानून व्यवस्था के मामले में सपा और भाजपा में कोई अंतर नहीं है. इसके अलावा, मायावती ने ट्वीट कर अलीगढ़ में कथित तौर पर बीजेपी विधायक की थाने में पिटाई के मामले में भी सरकार को आड़े हाथ लिया. साथ ही उन्होंने सरकार से इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
मायावती ने ट्वीट कर कहा, "यूपी में अब कानून-व्यवस्था दम तोड़ रही है. कल अलीगढ़ में स्थानीय भाजपा विधायक व पुलिस द्वारा एक-दूसरे पर लगाया गया आरोप व मारपीट अति-गंभीर व काफी चिन्ताजनक. इस प्रकरण की न्यायोचित जाँच होनी चाहिए व जो भी दोषी हैं उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, बीएसपी की यह मांग है."
2. साथ ही, यूपी में इस प्रकार की लगातार हो रही जंगलराज जैसी घटनाओं से यह स्पष्ट है कि खासकर अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में सपा व बीजेपी की सरकार में भला फिर क्या अन्तर रह गया है? सरकार इसपर समुचित ध्यान दे, बीएसपी की जनहित में यही सलाह। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) August 13, 2020
अलीगढ़ में बीजेपी विधायक की पिटाई गौरतलब है कि भाजपा के एक विधायक ने थाने में बुधवार को पुलिसकर्मियों की तरफ से कथित तौर पर उनकी पिटाई किए जाने का आरोप लगाया है. विधायक राजकुमार सहयोगी की थाने में पिटाई की खबर फैलते ही सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता घटना के विरोध में थाने पर जमा हो गए. इगलास विधानसभा सीट से भाजपा विधायक सहयोगी सत्ताधारी दल से संबद्ध एक व्यक्ति के खिलाफ दायर मामले के सिलसिले में गोंडा थाने गए थे.
इस पूरे मामले में सख्त ऐक्शन लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने थानाध्यक्ष को सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा एएसपी (ग्रामीण) का स्थानांतरण किया जा रहा है. अलीगढ़ के आईजी से इस संबंध में शुक्रवार तक रिपोर्ट मांगी गई है.
क्या है विधायक का आरोप? विधायक राजकुमार सहयोगी का आरोप है कि जब वो थाने गए तब एसएचओ सहित तीन पुलिस अधिकारियों ने उनके साथ मारपीट की. सहयोगी ने मीडियाकर्मियों को बताया कि 2 अगस्त को पार्टी के कार्यकर्ता रोहित वार्ष्णेय की संपत्ति विवाद को लेकर सलीम नाम के व्यक्ति ने पिटाई कर दी थी. सलीम के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज किया गया था. हालांकि, इसी घटना को लेकर कुछ दिन बाद रोहित के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया गया और जब रोहित इसका विरोध करने गया तो थाने पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उनसे कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया.
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