'आपके साथ चमचे नेता बैठे होंगे…', अखिलेश यादव को मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने दी ये सलाह
Akash Anand News: बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा था कि बसपा सैद्धान्तिक कारणों से गठबंधन नहीं करती और अगर बड़े उद्देश्यों को लेकर कभी गठबंधन करती है तो फिर उसके प्रति ईमानदार भी जरूर रहती है.
UP News: लोकसभा चुनाव 2019 के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का गठबंधन टूटने के मामले पर बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा मुखिया अखिलेश यादव के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है. इसी बीच अब मायावती के भतीजे और बसपा के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को चमचे नेताओं का जिक्र कर सलाह दी है.
बसपा नेता आकाश ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा-"समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के प्रेस कांफ्रेंस की खबर मिली. जहां उन्होंने कहा है कि उनके बाएं हाथ की तरफ बैठै कोई पूर्व बसपा नेता ने उनसे कहा कि मुझे भी ऐसे ही धोखा मिला था. अखिलेश जी आपके साथ ‘चमचे’ नेता बैठे होंगे और आपको सलाह है कि ऐसे ‘चमचे’ नेताओं के बारे में मान्यवर साहेब कांशीराम जी ने चमचा युग किताब लिखी है, इस किताब को पढिए और बहुजन समाज के ‘चमचे’ नेताओं की सलाह पर फोन कब करना है कब उठाना है तय ना करें. बल्कि दलितों के सच्चे हितैषी हैं तो बताइए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आपका क्या स्टैंड है? प्रमोशन में आरक्षण का बिल आप लोगों ने क्यों फाड़ा?"
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी के प्रेस कांफ्रेंस की खबर मिली।
— Akash Anand (@AnandAkash_BSP) September 14, 2024
जहां उन्होंने कहा है कि उनके बाएं हाथ की तरफ बैठै कोई पूर्व बसपा नेता ने उनसे कहा कि "मुझे भी ऐसे ही धोखा मिला था।"
अखिलेश जी आपके साथ ‘चमचे’ नेता बैठे होंगे और आपको सलाह है कि ऐसे ‘चमचे’ नेताओं के… pic.twitter.com/ZHMJb6w0rx
हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव से बसपा की पुस्तिका में किए गए खुलासे के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब दिया था कि जिस समय गठबंधन टूटा, उस समय मैं आजमगढ़ में एक सभा में मंच पर था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सपा और बसपा के कार्यकर्ता व नेता वहां मौजूद थे.
वहीं मायावती ने इन आरोपों पर कहा था-"लोकसभा चुनाव-2019 में उत्तर प्रदेश में बसपा के 10 व सपा के पांच सीट जीतने के बाद गठबंधन टूटने के बारे में उन्होंने सार्वजनिक तौर पर भी यही कहा कि सपा प्रमुख ने उनके फोन का भी जवाब देना बंद कर दिया था." वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा था कि बसपा सैद्धान्तिक कारणों से गठबंधन नहीं करती और अगर बड़े उद्देश्यों को लेकर कभी गठबंधन करती है तो फिर उसके प्रति ईमानदार भी जरूर रहती है.