'कांग्रेस-बीजेपी की साजिश बेनकाब करेंगे..', संविधान को लेकर आकाश आनंद ने साधा निशाना
UP Politics: बसपा नेता आकाश आनंद ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर संविधान को लेकर बीजेपी, सपा और कांग्रेस पर तीखा हमला किया और कहा कि इनकी साजिश को बेनकाब किया जाएगा.
Akash Anand: आगामी राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी और बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बड़ी जिम्मेदारी दी है. जिसके बाद आकाश आनंद फुल एक्शन में दिखाई दे रहे हैं. आकाश आनंद ने विपक्ष दलों के संविधान बचाओं के एजेंडे पर सवाल उठाते हुए हमला किया है. उन्होंने इसे बसपा के मूवमेंट को खत्म करने की साजिश बताया और कहा कि हम इस साजिश को बेनकाब करेंगे.
आकाश आनंद ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर संविधान को लेकर बीजेपी, सपा और कांग्रेस पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि- 'संविधान बचाओ" का माहौल बनाकर कांग्रेस का इंडी एलायंस और संविधान की झूठी कसम खाकर भाजपा वाले, पहले आरक्षण फिर बहुजन मूवमेंट खत्म करने की साजिश कर रहे हैं. लेकिन आदरणीय बहन कु मायावती जी के नेतृत्व में बीएसपी ये होने नहीं देगी.'
आकाश आनंद ने साधा निशाना
उन्होंने आगे लिखा- 'बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी की तरह बीएसपी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट को समर्पित आदरणीय बहन मायावती के जीवन और उनकी सरकार द्वारा समाज के हित और जन कल्याणकारी नीतियों को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे. यह किताब हमारी आजादी की किताब है, संविधान के खिलाफ हो रही साजिश का जवाब है.
बहनजी का संदेश घर-घर पहुंचाएंगे, कांग्रेस भाजपा की साजिश बेनकाब करेंगे. याद रहे, संविधान हमारी पहचान. आरक्षण हमारी आजादी.'
बता दें कि इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने संविधान और आरक्षण को एक बड़ा मुद्दा बनाते हुए चुनाव लड़ा था. जिससे लोगों के बीच बड़ा संदेश गया और इस चुनाव में बड़ी संख्या में पिछड़े और दलित वर्ग के मतदाताओं ने इंडिया गठबंधन के पक्ष में वोट दिया. इससे सबसे ज़्यादा नुक़सान बसपा को हुआ.
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मायावती और बहुजन समाज पार्टी इस बात को बहुत अच्छी तरह से समझती है. यही वजह है कि अब वो लगातार संविधान की बात कर रही है. यही नहीं वो पुरानी घटनाओं का ज़िक्र करते हुए बीजेपी हो या कांग्रेस या समाजवादी पार्टी किसी पर भी निशाना साधने से चूक नहीं रही है. बसपा अपने मतदाताओं में ये संदेश पहुंचाने की कोशिश कर रही है कि संविधान और आरक्षण की सबसे बड़ी हितैषी बसपा ही है और बसपा अब भी मैदान में है. अपने हक़ों की लड़ाई लड़ रही है.