UP News: समाजवादी पार्टी और बीएसपी के बीच 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन टूटने की वजह पर अब जुबानी जंग तेज हो गई है. मायावती के आरोपों पर गुरुवार को अखिलेश यादव ने पलटवार किया था. इसके बाद बीएसपी चीफ ने फिर शुक्रवार को जवाब दिया. अब मायावती के करीबी सतीश चंद्र मिश्रा भी सियासी मैदान में आ गए हैं.


सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, 'मैं सभी को यह अवगत कराना चाहता हूं कि 2019 के लोकसभा आम चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन टूटने की वजह सपा मुखिया खुद हैं जो आदरणीय बहन कुमारी मायावती ने अपनी पार्टी द्वारा जारी की गई पुस्तक में लिखा हैं.'



बीएसपी नेता ने भी किया फोन
बीएसपी ने कहा, 'बहन फोन करने के पूर्व मेरे द्वारा फोन करने पर सपा प्रमुख फोन पर नहीं आए, फिर पार्टी कार्यालय से फोन गया और तब फिर भी फोन पर सपा प्रमुख से बात नहीं करायी गयी. फिर भी आदरणीय बहन जी ने बड़े होने के नाते सपा प्रमुख को फोन कर के हौसला देने की कोशिश की थी लेकिन वह फोन पर नहीं आए और इस सबका परिणाम यह रहा कि बीएसपी को गठबंधन तोड़ना पड़ा.'


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उन्होंने कहा, 'सपा प्रमुख का यह व्यवहार समाज के दलितों, वंचितों एवं शोषितों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाला था. बीएसपी सिर्फ वोट ट्रांसफर करवाने के लिए नहीं है. बल्कि देश की एक मात्र ऐसी पार्टी है जो सर्व समाज के हितों में विचार एवं काम करती है. जो लोग इस सम्बन्ध में आदरणीय बहन जी पर टिप्पणी कर रहे वह पहले अपना व्यवहार याद कर ले.'


बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में बीएसपी और समाजवादी पार्टी ने गठबंधन किया था. लेकिन इस चुनाव में बीजेपी ने राज्य में बड़ी जीत दर्ज की थी. हालांकि चुनाव के बाद दोनों पार्टियों के रास्ते अलग हो गए थे. लेकिन अब गठबंधन टूटने की वजह पर जुबानी जंग शुरू हो गई है.